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प्रदेश में पांच साल बाद छह नए इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने का रास्ता साफ हो गया है। इससे अलग-अलग स्ट्रीम में लगभग 1500 सीटें बढ़ जाएंगी। चार राजकीय तथा दो निजी सेक्टर के इंजीनियरिंग कॉलेज खुलेंगे। शासन की मंजूरी मिलने के सप्ताहभर के भीतर एकेटीयू ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर कॉलेज खोलने का रास्ता साफ कर दिया। एआईसीटीई से पांच वर्ष से इंजीनियरिंग संस्थान को संबद्धता देने पर रोक थी।
एकेटीयू द्वारा शासन को सात नए इंजीनियरिंग संस्थान खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे 11 सितंबर को हुई आकस्मिक कार्य परिषद की बैठक से पास कर दिया गया था, जिसमें शासन ने छह इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि शासन ने मिर्जापुर, गोंडा, बस्ती व प्रतापगढ़ में राजकीय और लखनऊ व नोएडा में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने को मंजूरी दे दी है।
दो निजी कॉलेजों को शुरू करने की मंजूरी
शासन द्वारा लखनऊ में महाराणा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को शुरू करने की अनुमति दी गई है। कॉलेज में 180 सीटों पर कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर साइंस एआई और कंप्यूटर साइंस एंड डाटा साइंस ब्रांच में एडमिशन लिए जाएंगे। इसी तरह नोएडा के लोएड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में विभिन्न ब्रांचों में 360 सीटों पर दाखिले होंगे।