मैं मैट्रिक के बाद डिप्लोमा कोर्स करना चाहता हूं। कृपया इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों की जानकारी दें। क्या आईटीआई और टेक्निकल डिप्लोमा एक ही पाठ्यक्रम हैं? करियर काउंसलर आशीष आदर्श ने इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि मैट्रिक के बाद तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम आपके लिए एक सशक्त करियर विकल्प बन सकता है, परंतु यह जरूरी है कि आपका डिप्लोमा किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/ पॉलीटेक्निक से हो और अपने पाठ्यक्रम के दौरान आपको पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ हो। सबसे पहले आप यह जांच लें कि अमुक संस्थान भारत सरकार की स्वशासी संस्था ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त है या नहीं। उसके बाद, उस संस्थान के फैकल्टी और उपलब्ध सुविधा की भी जानकारी प्राप्त कर लें।
मैट्रिक के बाद तीन वर्षीय डिप्लोमा लगभग उन सभी तकनीकी विषयों में कराया जाता है, जो स्टूडेंट्स बीटेक ( BTech ) के दौरान लेते हैं, जैसे मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, एरोनॉटिक्स, ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर साइंस, टेलीकम्यूनिकेशन इत्यादि। डिप्लोमा करने के बाद आपके लिए विभिन्न पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) जैसे बीएसएनएल, भेल, एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया आदि में जॉब के अनेक दरवाजे खुल जाएंगे। आपको रोजगार समाचार पत्रिका पर नजर बनाए रखनी होगी।
आईटीआई यानी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में उपलब्ध विभिन्न पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट स्तर के होते हैं। आईटीआई की मान्यता भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट एवं एंटरप्रिन्योरशिप मंत्रालय के अंतर्गत होती है, जबकि डिप्लोमा कोर्स एआईसीटीई के अंतर्गत आईटीआई की तुलना में आपको रोजगार अवसर डिप्लोमा में अधिक मिलेंगे, अत डिप्लोमा में दाखिले को प्राथमिकता बनाएं।
इसके अलावा बहुत से इंजीनियरिंग संस्थानों में तीन साल के पॉलीटेक्निक डिप्लोमा वालों को लेटरल एंट्री स्कीम के जरिए सीधे बीटेक सेकेंड ईयर में भी एडमिशन मिलता है। इस तरह आपके लिए बीटेक के ऑप्शन भी खुले रहेंगे।
AKTU : BTech लेटरल एंट्री में प्रवेश लेने वाले पढ़ेंगे ऑडिट कोर्स, जानें कब होगा कैंपस प्लेसमेंट
प्रश्न – मैंने अर्थशास्त्रत्त् से स्नातक किया है। अब टीचिंग में करियर बनाना चाहती हूं। -राशि सिंह
करियर काउंसलर का उत्तर उत्तर- यदि आप स्कूल लेवल पर जाना चाहती हैं, तो बीएड पाठ्यक्रम में दाखिला ले लें। बीएड के बाद टीईटी यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट को उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद आपको नियुक्ति किसी स्कूल में मिल सकती है। यदि आपकी योजना विश्वविद्यालय या कॉलेज में अध्यापन की है, तो यहां रास्ता थोड़ा लंबा है।
स्नातक के बाद अर्थशास्त्रत्त् से ही स्नातकोत्तर और उसके बाद एमफिल या पीएचडी के साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित की जाने वाली नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट परीक्षा आपको इस क्षेत्र में स्थापित कर सकती है। यहां प्रारंभ में आपको विश्वविद्यालय विभागों या कॉलेजों में अस्थायी लेक्चरर के रूप में कार्य करना पड़ सकता है। रिक्तियां उपलब्ध होने पर पूर्णकालीन लेक्चरर के तौर पर काम मिल जाएगा। विभिन्न डीम्ड व निजी विश्वविद्यालयों ने नेट-उत्तीर्ण युवाओं के लिए मौके बढ़ा दिए हैं।