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Shikshak Bharti 2023: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा ली गई पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में 4700 पदों पर पूरक (सप्लीमेंट्री) परिणाम जारी किये जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इन 4700 पदों का ब्यौरा बीपीएससी को दे दिया है। इसको लेकर आयोग और विभागीय पदाधिकारियों की गुरुवार को एक बैठक भी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि आयोग जल्द ही पूरक रिजल्ट प्रकाशित करेगा।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 4700 पद वैसे अभ्यर्थियों से खाली हुए हैं, जो एक से अधिक स्तर की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। यानी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक तीनों स्तर की परीक्षा में सफल घोषित हुए हैं, या इनमें दो किसी दो में सफल हुए हैं। जो भी अभ्यर्थी, जो दो या तीनों स्तर की परीक्षा में सफल हुए हैं, उन्होंने योगदान नियमानुसार किसी एक ही जगह पर किया है। ऐसे में अन्य पद खाली होंगे। यही वजह है कि करीब 4700 पद ऐसे अभ्यर्थियों के कारण खाली रह गये हैं। इनमें प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक तीनों स्तर के पद हैं।
मालूम हो कि आयोग द्वारा पहले चरण में एक लाख 70 हजार 463 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। परीक्षा में लगभग आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद एक लाख 20 हजार 336 शिक्षक अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। पूरक रिजल्ट में वैसे अभ्यर्थी सफल होंगे, जो मेधा सूची में ऊपर हैं। हर विषय के रिक्त पदों के क्रम में मेधा सूची में ऊपर रहने वाले 4700 अभ्यर्थियों को पूरक रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद मौजूदा चरण की नियुक्ति में ही शिक्षक बनने का मौका मिल सकेगा।
अन्य पदों को तृतीय चरण में शामिल किया जाएगा
पहले चरण की नियुक्ति में जिन विषयों के शिक्षक अभ्यर्थी कम मिले थे, उन पदों को आयोग द्वारा दूसरे चरण की नियुक्ति में शामिल किया गया है। ऐसे पदों की संख्या करीब 40 हजार है। वहीं, सफल अभ्यर्थियों में 28 हजार 800 ऐसे हैं, जो पूर्व से नियोजित हैं। ऐसे शिक्षक जब नई जगह पर योगदान देंगे तो उनके पुराने पद रिक्त हो जाएंगे। इन पदों की जानकारी विभाग बाद में जिलों से प्राप्त करेगा। इसके बाद इन पदों को भी आयोग द्वारा ली जाने वाली तृतीय चरण की नियुक्ति परीक्षा में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दस हजार से अधिक वैसे सफल अभ्यर्थी भी हैं, जिन्होंने औपबंधिक नियुक्तिपत्र ही प्राप्त नहीं किया है। इन पदों को भी तृतीय चरण में शामिल किया जाएगा। वर्तमान में चयनित शिक्षकों के योगदान का कार्य सात दिसंबर तक चलेगा। सात दिसंबर के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी कि एक लाख 20 हजार 336 चयनित में कितने शिक्षकों ने योगदान किया है।