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बीपीएससी से चयनित नियोजित शिक्षकों के रिक्त पदों पर तीसरे चरण में नियुक्ति होगी। मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों से इस पर रिपोर्ट मांगी गई है। जिले में दो चरण की नियुक्ति में दो हजार से अधिक पद रिक्त हुए हैं। दो दिनों में विषयवार सभी जिलों से इस पर रिपोर्ट मांगी गई है। सूबे में लगभग 25 हजार पद रिक्त हुए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इसे लेकर सभी जिले के डीईओ को निर्देश दिया है। विभाग ने चार फॉर्मेट भेजा है, जिसमें अलग-अलग जानकारी भरकर भेजनी है।
निदेशक ने कहा है कि पहले और दूसरे चरण में बीपीएससी द्वारा नियुक्ति की कार्रवाई की गई है। पुन: तृतीय चरण में नियुक्ति की कार्रवाई की जानी है। पहले और दूसरे चरण के तहत नियुक्त शिक्षकों में स्थानीय निकाय के शिक्षकों की संख्या लगभग 20 से 25 हजार के आसपास है। ऐसी स्थिति में स्थानीय निकायों से रिक्त हुए पदों की गणना कर उसे प्रशासी पदवर्ग समिति से विद्यालय अध्यापक के पद का सृजन कराना है।
डीईओ ने कहा कि पहले चरण के कई ऐसे भी नियोजित शिक्षक हैं जो दूसरे चरण में भी नियुक्त हुए हैं। ऐसे में दोनों आवंटन के बाद की रिक्ति की गणना करवाई जा रही है।
मिडिल स्कूलों में अधिक पद रिक्त हुए हैं।
इस तरह भेजनी है रिक्ति की रिपोर्ट: उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक, 6-8 और 1-5 तक में रिक्त हो गए विषय का नाम तथा स्थानीय निकाय के शिक्षक जो पहले और दूसरे चरण के तहत विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए, उनकी रिक्ति। डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि दूसरे चरण के नियुक्त शिक्षकों का अभी विद्यालय आवंटन नहीं हुआ है। पहले चरण के कई ऐसे भी नियोजित शिक्षक हैं जो दूसरे चरण में भी नियुक्त हुए हैं। ऐसे में दोनों आवंटन के बाद की रिक्ति की गणना सभी प्रखंडों से करवाई जा रही है। मिडिल स्कूलों में अधिक पद रिक्त हुए हैं।