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उत्तर प्रदेश प्रदेश में तकनीकी पढ़ाई के लिए लखनऊ स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू), कानपुर स्थित एचबीटीयू व गोरखपुर स्थित मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएमएमयूटी) हैं। इन तीनों विवि में प्रवेश के लिए छात्रों को अब सिर्फ एक आवेदन करना होगा। दाखिले के लिए शासन ने केंद्रीय प्रवेश समिति का भी गठन कर दिया है, जिसके चेयरमैन एचबीटीयू के कुलपति प्रो. समशेर हैं। इस सत्र में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग की जिम्मेदारी एचबीटीयू को दी गई है।
प्रदेश में अभी तक इन तीनों विवि में दाखिले के लिए अलग-अलग आवेदन करना होता था। इसकी काउंसिलिंग भी अलग-अलग होती थी। इस साल विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध तकनीकी संस्थानों की सीटों पर एक ही काउंसिलिंग से प्रवेश लिए जाएंगे। इसको लेकर शासन की ओर से गठित केंद्रीय प्रवेश समिति की पहली बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में विशेष सचिव तकनीक शिक्षा अन्ना वी दिनेश कुमार, एचबीटीयू कुलपति प्रो. समशेर व प्रो. ललित कुमार आदि शामिल हुए।
के अलावा एकेटीयू से प्रो. वंदना सहगल व एमएमएमयूटी से प्रो. वीके मिश्रा, पीएसआईटी से डॉ. संजीव कुमार भल्ला आदि शामिल हुए। बैठक में सबसे अधिक चर्चा योग्यता को एक समान करने को लेकर हुई। अभी तक बीटेक में प्रवेश के लिए इंटर में एकेटीयू में सामान्य वर्ग के लिए 45 फीसदी, एमएमएमयूटी में 60 फीसदी व एचबीटीयू में 55 फीसदी अंक निर्धारित हैं। इसका फैसला शासन के निर्देशानुसार किया जाएगा। सभी विवि व संस्थानों को एक सप्ताह के अंदर सीटों की संख्या देनी होगी। निजी कॉलेजों में 85 फीसदी सीटों पर दाखिला होगा। शेष 15 फीसदी मैनेजमेंट कोटे से भरी जाएंगी। परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश सीयूईटी (पीजी) से लिया जाएगा।