CCSU Exam : requirement of 40 percent marks in co-curricular subjects abolished – CCSU : छात्रों को बड़ी राहत, को-करिकुलर विषयों में 40 प्रतिशत नंबर की बाध्यता खत्म, Education News

CCSU Exam : requirement of 40 percent marks in co-curricular subjects abolished – CCSU : छात्रों को बड़ी राहत, को-करिकुलर विषयों में 40 प्रतिशत नंबर की बाध्यता खत्म, Education News


चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने स्नातक एनईपी में बीए, बीकॉम, बीएससी में को-करिकुलर विषयों की बाह्य परीक्षा में छात्रों को 40 प्रतिशत नंबर लाने की बाध्यता खत्म कर दी है। छात्र अब आंतरिक एवं बाह्य (इंटरनल-एक्सटर्नल) दोनों में 40 नंबर लाने पर पास माने जाएंगे। अभी तक 75 अंकों की बाह्य परीक्षा में छात्रों को 40 फीसदी यानी 30 नंबर लाने जरूरी हैं। 25 नंबर की आंतरिक परीक्षा में न्यूनतम अंकों की बाध्यता नहीं है, लेकिन दोनों में संयुक्त रूप से 40 फीसदी यानी औसत 40 नंबर चाहिए। विवि के इस नियम से सत्र 2021 में लागू एनईपी में 98 फीसदी छात्र को-करिकुलर विषयों में पास नहीं हो सके लेकिन नए नियमों में अधिकांश छात्र पास हो जाएंगे। यह नियम 2021 से प्रवेशित छात्रों पर भी लागू होगा। विवि के अनुसार यदि कोई छात्र अब आंतरिक परीक्षा में 25 में से 20 एवं बाह्य परीक्षा में 75 में से 20 अंक भी लाता है तो वह दोनों को मिलाकर पास माना जाएगा। अकेले बाह्य परीक्षा में 40 नंबर लाने पर भी पास होंगे। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला एवं रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा की उपस्थिति में हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में उक्त निर्णय पर मुहर लग गई।  

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बैक में मात्र 250 रुपये देंगे छात्र

विवि के अनुसार यदि छात्र नए नियम के बाद भी को-करिकुलर विषय में पास नहीं होते तो वे बैक पेपर दे सकेंगे, लेकिन उनसे मात्र 250 रुपये ही फीस ली जाएगी। अभी तक यह फीस आठ सौ रुपये थी। हालांकि छात्रों ने इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। पूर्व महामंत्री अंकित अधाना के अनुसार यह नियम तो पहले लागू होना चाहिए था। जो छात्र आठ सौ रुपये देकर बैक पेपर भर चुके है, उनका क्या होगा। विवि उनकी फीस वापस करे। वहीं स्ववित्त पोषित महाविद्यालय महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट नितिन यादव के अनुसार नियमों में बदलाव छात्र हित में है, लेकिन विवि को इस पेपर में वार्षिक प्रणाली की तरह तीनों वर्ष में कभी भी पास करने की सुविधा भी देनी चाहिए थी। 

 

बीएड प्रैक्टिकल फरवरी में, कॉलेजों में एनईपी

दिल्ली में आठ फरवरी से डीएसएसबी में प्रस्तावित टीजीटी के 58 सौ पदों पर आवेदन प्रक्रिया के बीच विवि ने बीएड के छूटे प्रैक्टिकल फरवरी के पहले हफ्ते में कराने का फैसला लिया है। रजिस्ट्रार के अनुसार विवि पहले हफ्ते में प्रैक्टिकल कराकर तीसरे हफ्ते में परिणाम दे देगा। ऐसे छात्र आवेदन कर सकेंगे। बीएड फाइनल में दो हजार से अधिक छात्रों के प्रैक्टिकल होने हैं। 

कैंपस में सभी यूजी अब ऑनर्स में

विवि ने कैंपस में स्नातक स्तर पर जारी कोर्स ट्रेडिशनल कोर्स को ऑनर्स में तब्दील करने का फैसला लिया है। डीयू की तर्ज पर विवि कैंपस में यूजी एनईपी ऑनर्स कोर्स चलाएगा। कैंपस में अभी कॉमर्स, केमेस्ट्री, हिन्दी, अर्थशास्त्र, इतिहास एवं अंग्रेजी में यूजी कोर्स चलते हैं। विवि ने यह फैसला कॉलेजों से खुद को अलग करने के लिए किया है।

नए सत्र से कॉलेजों में पीजी एनईपी में

विवि सत्र 2024-25 से कॉलेजों में पीजी को एनईपी के दायरे में लाने को तैयार है। विद्वत परिषद ने इस पर अंतिम निर्णय के लिए समिति बना दी। अभी तक पीजी एनईपी केवल कैंपस में है, जबकि कॉलेजों में पीजी सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) में है। कॉलेजों में पीजी में एनईपी लागू होते ही कैंपस-कॉलेज में समान पाठ्यक्रम हो जाएगा।

टीचिंग असिस्टेंट के 30 पदों को मंजूरी

विवि ने कैंपस में टीचिंग असिस्टेंट के 30 नए पदों को मंजूरी दे दी है। इसमें अर्थशास्त्र में दो, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, ललित कला, इतिहास में जंतु विज्ञान में तीन-तीन, मासकॉम में छह, वाणिज्य में चार, जैव प्रौद्योगिकी, पादप संरक्षण विभाग, भूगोल, विधि एवं सर छोटूराम कॉलेज में एक-एक पद सृजित होगा। विवि ने हस्तिनापुर, सलारपुर और पबला में नए सत्र से प्रस्तावित तीन राजकीय कॉलेजों में भी शैक्षणिक-गैर-शैक्षणिक पद सृजित कर दिए हैं।  

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आसन-ध्यान में नए कोर्स, एमफॉर्मा भी शुरू

विवि ने सत्र 2024-25 से नए कोर्स को भी मंजूरी दे दी है। योग विज्ञान में तीन माह का बेसिक एवं एडवांस स्तर के आसन और मेडिटेशन कोर्स शुरू होंगे। योगा एंड हेप्पीनेस और होलिस्टिक हेल्थ एंड वेलनेस के एक महीने के कोर्स चलेंगे। राजनीति विज्ञान में भी वेल्यू एडेड कोर्स शुरू होगा। विवि ने एमफॉर्मा, बीए-बीएड, फॉरेसिंक साइंस भी शुरू किए जाएंगे। इतिहास में एनसिएंट इंडियन हिस्ट्री, बीए ऑनर्स, पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म शुरू किया जाएगा।

बीबीए-बीसीए में नियमों में राहत

बीबीए-बीसीए कोर्स में शिक्षकों की नियुक्ति को नेट या पीएचडी बाध्यता में विवि राहत देने की तैयारी में है। नेट-पीएचडी शिक्षक नहीं मिलने के कॉलेजों के प्रस्ताव पर विवि न्यूनतम अर्हता में छूट देने जा रहा है। विवि जल्द ही समिति के निर्णय को सार्वजनिक करेगा। 

ये रहे मौजूद

निदेशक शैक्षिक प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. हरे कृष्ण, प्रो. भूपेंद्र सिंह, प्रो. नवीन चंद्र लोहनी, प्रो. जितेंद्र ढाका, प्रो. विजय मलिक, प्रो. अनिल मलिक, प्रो. रमाकांत, प्रो. बिंदु शर्मा, प्रो. विकास शर्मा, प्रो. राहुल कुमार, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. वैशाली, डिप्टी रजिस्ट्रार सत्य प्रकाश।


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