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राज्यभर के 1312 सीबीएसई स्कूलों में ‘साइबर क्लब’ खोले जाएंगे। इस बाबत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है। क्लब का संचालन भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए हर स्कूल के एक-एक शिक्षक को सेंटर के माध्यम से साइबर विशेषज्ञ के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। बता दें कि आयें दिन स्कूली बच्चे साइबर अपराध में फंस रहे हैं या साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। एक तरफ जहां साइबर धोखाधड़ी होने से आर्थिक नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ स्कूली बच्चों में मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। इंटरनेट प्रयोग के दौरान क्या सावधानी रखें इसकी जानकारी ज्यादातर स्कूली बच्चों को नहीं है। इन तमाम चीजों को देखते हुए सीबीएसई ने स्कूलों में साइबर क्लब खोलने का निर्णय किया है।
कक्षावार साइबर धोखाधड़ी से बचने की दी जाएगी जानकारी क्लब के माध्यम से पहले हर स्कूल के एक शिक्षक को साइबर विशोषज्ञ के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। बाद में यह शिक्षक ही नोडल के तौर पर साइबर विशेषज्ञ के रूप में काम करेंगे।
दूसरी तरफ क्लब में स्कूल के सभी छात्रों का पंजीयन होगा। इसके बाद कक्षावार सप्ताह में एक या दो दिन साइबर सुरक्षा की कक्षाएं चलेंगी। इस दौरान छात्रों को साइबर अपराध से बचने और सुरक्षित रहने की जानकारी दी जाएगी। इंटरनेट इस्तेमाल करते समय किन बातों का ख्याल रखें, इसकी जानकारी दी जाएगी। सीबीएसई ने सभी स्कूलों को एक महीने का समय दिया है। इस बीच सभी विद्यालयों को साइबर क्लब को खोल देना है। इसमें शिक्षकों के अलावा सीनियर कक्षाएं के छात्र-छात्राएं सदस्य के तौर पर काम करेंगे।
सीबीएसई के सिटी कोऑडिनेटर ग्लेंडा गलॅस्टन ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को साइबर सुरक्षा की जानकारी देना बहुत जरूरी है। आये दिन बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं। इससे बच्चों में मानसिक तनाव भी होता है। क्योंकि कई बार वो डर से अभिभावक या शिक्षक से बातें साझा नहीं करते हैं।
इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे:
1. साइबर जागरूकता के लिए व धोखाधड़ी से बचाव को नाटक।
2. साइबर क्विज और साइबर ओलंपियाड जैसे कार्यक्रम होंगे।
3. स्कूलों में साइबर सुरक्षा पर पत्र लेखन आदि का आयोजन होगा।
4. शिक्षकों के माध्यम से कक्षाओं में साइबर टिप्स दिए जाएंगे।
5. क्लब के सदस्यों की ओर से स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम।
6. क्या करें और क्या न करें की जानकारी दी जाएगी।
7. अलग-अलग दिन साइबर विशेषज्ञ को बुलाकर व्याख्यान, कार्यशाला करायी जाएगी।