ऐप पर पढ़ें
हरियाणा के दसगढ़ जिले में निंबी गांव की बेटी दिव्या तंवर ने एक बार फिर दस्तावेजों की परीक्षा में क्रैक किया है। एसडीसी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम में उन्हें 105वीं रैंक मिली है। यह उनका दूसरा प्रयास था। वांछित सिविल सेवा परीक्षा 2021 उनका प्रयास था। पिछली बार उनकी 438वीं रैंक थी और उन्हें आईपीएस नौवीं मिली थी। उन्हें मेदिनीदिन कैडर अलॉट किया गया था। लेकिन उन्होंने आईएएस पाने के लिए बेहतर रैंक हासिल करने के लिए तैयारी जारी रखी। सरकारी स्कूल से पढ़ने और हिंदी माध्यम से पहले दो प्रयासों में दोनों बार क्रैक कर दिव्या युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।
दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। स्कूलिंग के दौरान पिता की मौत हो जाने के बाद उनकी मां मजदूरी कर घर चली गई। मां बबीता तंवर ने कभी दिव्या की पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी। मां ने खेतों में काम कर दिव्या को इस मुकाम तक बनाया। दिव्या ने महेंद्रगढ़ के ही राजकीय महिला कॉलेज से बीएससी किया है। बीएससी करने के बाद वह पहली बार सिविल सेवा की तैयारी में लग गए। अपने घर के एक छोटे से कमरे में महज 10 घंटे की पढ़ाई कर उन्होंने महज 21 साल की उम्र में पहला प्रयास में स्टडी परीक्षा पास कर ली थी।
वांछित सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी, इशिता किशोर ने किया टॉप
जींद की पहचान को 28वां स्थान हासिल किया
हरियाणा में जींद जिले के गांव गोसाई खेड़ा की अंकिता पंवार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा 2022 में 28वां स्थान हासिल किया है। अंकिता पंवार का उद्देश्य भारतीय जंप अधिकारी बनना था। अंकिता ने दूसरा प्रयास 2020 में सिविल छठी की परीक्षा में 321वां स्थान प्राप्त किया था। वह दल्ली में अंडर लर्निंग तैयारी को जारी रखती है। अंकिता के पिता भूप सिंह पंचकूला के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग हरियाणा से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक इंजीनियर हैं। मां गृहणी है। बिग सिस्टर बैंक में मैनेजर है। अंकिता ने 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय मॉडल स्कूल सेक्टर 19 चंडीगढ़ से की है जिसके बाद 10 रूड की बीटेक की और साल 2017 से 2019 तक बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी की।