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बिहार के भभुआ में प्रखंड के करमचट थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के राजेश कुमार बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 22वीं रैंक लाकर सहायक अभियोजन पदाधिकारी बने। इसको लेकर गांव में खुशी का माहौल है। राजेश ने बताया कि उनके पिता शिवमंगल प्रसाद मजदूर व माता कलावती देवी गृहिणी हैं। अपने चार भाई और चार बहनों में वह तीसरे नंबर पर है।
मैट्रिक की परीक्षा रोहतास के सर्वोदय हाई स्कूल सरैयां से 2006 में 56 प्रतिशत, इंटर एसवीपी कॉलेज भभुआ से 2008 में 53 प्रतिशत, स्नातक राजनीतिक विज्ञान ऑनर्स बीएचयू वाराणसी से 2011 में 58 प्रतिशत, एलएलबी वाराणसी बीएचयू से 2012-15 में 58 प्रतिशत अंक लाकर पास किया। इसके बाद भभुआ व्यवहार न्यायालय में वकालत करने लगे। इसी दौरान सेल्फ स्टडी गुरुजनों के मार्गदर्शन में करते रहे। बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा की घर पर ही तैयारी करते हुए सफलता मिली है। इस सफलता का श्रेय उन्होंने माता पिता, बड़े भाई, गुरुजनों को दिया है।
एपीओ परीक्षा में दो भाइयों ने पाई सफलता
धनबाद भगवती साईं इनक्लेव वनस्थली कॉलोनी भुईफोड़ निवासी अरविंद कुमार सिन्हा एवं माधुरी सिन्हा के दोनों पुत्र ने अपने पहले ही प्रयास में बीपीएससी के सहायक अभियोजन पदाधिकारी के रूप में सफलता हासिल की है। परीक्षा परिणाम आने के पूर्व अश्वनी रंजन ने अपनी बीएएलएलबी की पढ़ाई इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी दिल्ली से व एलएलएम बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी वाराणसी से किया। वर्तमान में भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण कानूनी अधिकारी के रूप में कार्यरत है। अमरजीत ने अपनी बीबीए एलएलबी की पढ़ाई द आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी देहरादून से किया व एलएलएम की डिग्री नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ रांची से किया। वर्तमान में वे आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी रांची में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है।