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कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से बीते दो शैक्षिक सत्र से इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हो रहा है। दोनों साल में सीयूईटी के चलते सत्र प्रभावित रहा। इससे छात्रों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। छात्रहित को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन अगले सत्र से सीयूईटी से अलग होने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। बीते नौ अक्तूबर को कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
वहीं, दूसरी तरफ सीयूईटी से प्रवेश के कारण इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों में सीटें भरना मुश्किल हो गया है। जिन संस्थानों में प्रवेश के लिए हजारों छात्र लाइन लगाए रहते थे, वहां कॉलेजों के वर्तमान सत्र में सीधे प्रवेश लेने के बावजूद सैकड़ों सीटें खाली जा रही है।
इविवि में बीए की 4615 सीटों के सापेक्ष 3903 प्रवेश हुए हैं। इविवि के संबद्ध कॉलेज की बात करें तो स्नातक में (बीए, बीएससी और बीकॉम) में सीधे प्रवेश (जो सीयूईटी में नहीं शामिल थे) लेने के बाद भी सीटें नहीं भरी हैं। सीएमपी डिग्री कॉलेज में बीए की 2800 सीटों के सापेक्ष तकरीबन 1500 प्रवेश हुए हैं। यानी आधी सीटें रिक्त हैं। इसके अलावा ईश्वर शरण, एडीसी, एसपीएम समेत अन्य कॉलेजों में सीटें नहीं भरी हैं।
पीआरओ प्रो. जया कपूर ने कहा, ‘सीयूईटी पेपर एवं नतीजों में देरी के कारण हुए सत्र विलंब पर अक्तूबर में एकेडमिक काउंसिल की बैठक में संक्षिप्त चर्चा हुई थी कि इस विषय में विश्वविद्यालय की ओर से मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी प्रवेश परीक्षा स्वयं कराने की स्वीकृति मांगी जाएगी। किंतु इस विषय में पत्र अभी भेजा नही गया है। ‘