Gandhi Jayanti speech In Hindi : देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाने की तैयारियां जोश-शोर से शुरू हो चुकी हैं। भारत में हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम रोल निभाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। इस बार गांधी जयंती के अवसर पर देशभर में स्वच्छता संबंधी अनेक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। केन्द्र सरकार के प्रयासों से पूरे उत्साह के साथ स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने हाल ही में अपने ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान सभी नागरिकों से राष्ट्रपिता को ‘स्वच्छांजलि’ के साथ श्रद्धांजलि देने की अपील की। इस बार ‘एक तारीख, एक घंटा, एक साथ’ अभियान चलाया जाएगा। पीएम मोदी ने सभी नागरिकों से 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे स्वच्छता के लिए 1 घंटे के श्रमदान की अपील की है। लोग अपनी गली, आस-पड़ोस, किसी पार्क, नदी, झील या किसी सार्वजनिक स्थान पर स्वच्छता अभियान में शामिल हो सकते हैं।
गांधी जयंती के दिन स्कूल, कॉलेजों में वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है। स्कूलों और कॉलेजों में भाषण व निबंध लेखन प्रतियोगिताएं हो रही हैं। अगर आप गांधी जयंती के अवसर पर भाषण देने की योजना बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण हे सकते हैं-
Gandhi Jayanti speech 2023 : गांधी जयंती पर दे सकते हैं यह भाषण
… आदरणीय अध्यापकगण और मेरे साथियों…
आज 2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश गांधी जयंती मना रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।
महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।
महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।
गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे। उन्होंने लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों को अहिंसा से अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।
साथियों! यह बात सही है कि हम सभी गांधीजी का काफी सम्मान करते हैं। लेकिन उनके सपने तो सभी पूरे होंगे जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शों पर चलेंगे।
तो आज के दिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। सरकार के स्वच्छता अभियान से जुड़ना चाहिए। अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने और खादी से बनी चीजों का खरीने का संकल्प लेना चाहिए।
धन्यवाद।
जय हिन्द!