ऐप पर पढ़ें
बिहार में अगले वर्ष मेडिकल की 200 सीटें बढ़ जाएंगी। छपरा और समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। इन दोनों मेंडिकल कॉलेजों में 100-100 सीटों पर बच्चों को नामांकन हो सकेगा। छपरा और समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज का काम अंतिम चरण में है। विभाग की कोशिश है कि चालू वित्तीय वर्ष यानी मार्च 2024 तक दोनों मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाए। जैसे ही दोनों मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे, वहां के प्राचार्यों की ओर से एनएमसी को पत्र लिखकर 100-100 सीटों पर नामांकन की अनुमति ली जाएगी।
बिहार के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अभी 1630 सीटों पर नामांकन हो रहा है। इसके तहत पीएमसी पटना में 200, डीएमसी लहेरियासराय में 120, भागलपुर में 120, एनएमसी पटना में 150, मुजफ्फरपुर में 120, गया में 120, आईजीआईएमएस पटना में 120, जीएमसी बेतिया में 120, विम्स पावापुरी में 120, मधेपुरा में 100, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज बिहटा में 100, जीएमसी पूर्णिया में 100, पटना डेंटल कॉलेज में 40 व रहुई डेंटल कॉलेज नालंदा में 100 सीटें हैं।
वर्तमान में देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1.04 लाख सीटें एडमिशन के लिए उपलब्ध हैं। इनमें 54000 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटें हैं। बीडीएस की 27800 से ज्यादा सीटें हैं। 52700 आयुष कोर्सेज और 603 वेटरिनेरी साइंस व एनिमल हजबेंड्री की है।
बिना बायोलॉजी 12वीं पास करने वाले छात्र भी देंगे NEET
बिना बायोलॉजी विषय के 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्र भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट देकर एमबीबीएस व बीडीएस कोर्सेज में एडमिशन ले सकेंगे। नीट 2024 की पात्रता के नियमों के मुताबिक ऐसे छात्र जिन्होंने 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स को कोर विषयों के तौर पर पढ़ा है और उनका बायोलॉजी या फिर बायोटेक्नोलॉजी दोनों में से कोई भी एडिश्नल विषय रहा है, वे मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में बैठ सकते हैं।