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UPSC IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) को देश की सबसे अधिक कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल, हजारों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, और उनमें से कुछ हजार उम्मीदवारों का नाम ही फाइनल लिस्ट में आता है। आज हम बात कर रहे हैं, अक्षत वर्मा की। जिन्होंने एक नहीं बल्कि दो बार यूपीएससी सीएसई पास किया और आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया।
अक्षत वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था और उनका पालन-पोषण वहीं हुआ। अपनी स्कूली पढ़ाई भी अक्षत ने आर्मी पब्लिक स्कूल से पूरी की। कक्षा 12वीं की पढ़ाई के दौरान उन्होंने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) परीक्षा की तैयारी और इस परीक्षा का पास भी कर लिया। फिर उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। बता दें, अक्षत शुरू से ही एक होनहार छात्र रहे हैं।
उन्हें चीन के प्रसिद्ध बीजिंग जियाओतोंग विश्वविद्यालय जाने का मौका भी मिला था। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद वह मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट में इंजीनियर बन गए थे। नौकरी के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि वह यूपीएससी की परीक्षा देना चाहते हैं। जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी सीएसई की तैयारी शुरू कर दी थी।
अक्षत ने अपनी नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया और नौकरी के साथ-साथ सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। अपने शुरुआती UPSC प्रयास के दौरान, वह परीक्षा में सफल रहे और 667वीं रैंक हासिल करके 2015 में इंडियन रेवन्यू सर्विस (IRS) के लिए चुने गए। इसके बाद उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट कमीश्नर के पद पर काम किया।
यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद और ये पद हासिल करने के बाद भी अक्षत पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे। वह यूपीएससी की परीक्षा IAS अधिकारी बनने के लिए दी थी, लेकिन रैंक कम आने पर उन्हें IAS पद नहीं मिला था। वह जानते थे उनके पास यूपीएससी परीक्षा देने के और भी मौके अभी बाकी है, जिसके बाद उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का फैसला लिया।
साल 2016 में, वह एक बार फिर यूपीएससी सीएसई के लिए उपस्थित हुए और इसे बेहतर रैंक के साथ पास किया। अक्षत 2017 बैच के आईएएस अधिकारी बने और 27 अप्रैल, 2018 को शाहजहांपुर जिले में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यभार संभाला था।
बता दें, वह 2019 में शाहजहांपुर के असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात रहे। साल 2019 में, उन्हें उन्नाव में कंबाइंड मजिस्ट्रेट के रूप में उनकी नियुक्ती हुई। इसके बाद साल 2021 में उन्हें सीतापुर में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर नियुक्त हुए थे। अब उनका तबादला वाराणसी में म्युनिसिपल कमिश्नर के पद पर कर दिया गया है।