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यूपीएससी की परीक्षा में सफल होना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इस परीक्षा में हार का मुंह भी देखना पड़ता और कई कठिनाईओं का सामना करना पड़ता है। अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको बता दें इस परीक्षा में कई कठिनाई के स्तर आएंगे, लेकिन हार न मानें। आज हम आपको आईएएस अधिकारी चंद्रकांत बागोरिया के बारे में बताने जा रहे हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा में तीन बार असफल हुए।
चंद्रकांत उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के रहने वाले हैं। वह शुरू से ही एक आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा रखते थे। बता दें, उनके पिता राजेंद्र बागोरिया उत्तराखंड के अल्मोडा में सरकारी इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं। चंद्रकांत ने अपनी प्राथमिक शिक्षा नानकमत्ता के सरस्वती शिशु मंदिर से हासिल की है।
साल 2014 में इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक की डिग्री के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। वह शुरुआत ही पढ़ाई में अच्छे थे। पिका का शिक्षक होने के कारण घर पर पढ़ाई वाला माहौल था। उनकी काबिलियत को देखते हुए उनकी मां ने ही उन्हें सिविल सर्विस में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद, चंद्रकांत ने अपनी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उनके लिए IAS अधिकारी बनने का सफर आसान नहीं था। इस परीक्षा में उन्हें तीन बार असफलता का सामना करना पड़ा था। किसी भी परीक्षा में जब आप तीन बार फेल हो जाते हैं, तो जाहिर है मन दुखी होता है और आपका आत्मविश्वास गिरने लगता है, लेकिन चंद्रकांत ने अपनी हिम्मत को बांधे रखा और फिर से परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया।
IAS अधिकारी के पद पर नियुक्त होना उनकी मां का सपना था, जिसे वह हर हाल में पूरा करना चाहते थे। उन्होंने अपने सपने को छोड़ा नहीं, बल्कि समर्पण, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की।
बता दें, उन्होंने साल 2021 में UPPSC की परीक्षा भी दी थी, जिसमें 5वीं रैंक हासिल की थी। वहीं साल 2022 में UPSC की परीक्षा दी थी। जिसमें उन्होंने 75वीं रैंक हासिल की थी।