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UPSC Success Story: लाखों भारतीय यूपीएससी परीक्षा पास करने और आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों अभ्यर्थी यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही अभ्यर्थी ऐसे होते हैं, जो यूपीएससी परीक्षा पास कर IAS अधिकारी का पद हासिल कर लेते हैं। आज हम आपको ऐसे ही IAS अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी।
हम बात कर रहे हैं, आईएएस अधिकारी डॉ. अक्षिता गुप्ता के बारे में, जो अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास करने में सफल रहीं। उनके लिए ये सफर आसान नहीं था। चंडीगढ़ की रहने वाली डॉ. अक्षिता गुप्ता के पिता पंचकुला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं और उनकी मां गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मैथ्स की टीचर हैं। माता- पिता शैक्षणिक क्षेत्र से हैं, ऐसे में उनके घर शिक्षा को काफी महत्व दिया जाता है। अक्षिता शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी अच्छी रही हैं।
यूपीएससी क्लियर करने से पहले उन्होंने MBBS की पढ़ाई की थी। बता दें, आईएएस अधिकारी अक्षिता जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तब वह एक अस्पताल में डॉक्टर के पद पर काम करती थी। डॉ. अक्षिता ने साल 2020 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 69वीं रैंक हासिल की।
आईएएस अधिकारी अक्षिता ने कॉलेज के थर्ड ईयर में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। कॉलेज के दौरान उन्हें जब भी समय मिलता था, वह पूरा ध्यान यूपीएससी की तैयारी में लगाती थी। बता दें, अक्षिता गुप्ता एक मेडिकल छात्रा थीं, इसलिए उन्होंने मुख्य परीक्षा में मेडिकल साइंस को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना था। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी सभी मेडिकल पुस्तकों को रिवाइज किया था।
आईएएस अधिकारी डॉ. अक्षिता गुप्ता 14 घंटे अस्पताल में काम करती थीं और अपने काम से मिलने वाले 15 मिनट के ब्रेक में यूपीएससी परीक्षा के लिए पढ़ाई किया करती थी।
अक्षिता जानती थी कि काम के साथ यूपीएससी की तैयारी करना और इस परीक्षा में सफल होना आसान नहीं है। ऐसे में उन्होंने एक शानदार रणनीति बनाई और उन विषयों पर फोकस किया जिनमें वह कमजोर थीं।
एक इंटरव्यू में बताया, कि मैंने अपनी सभी मेडिसिन की किताबें ली और उन पन्नों को फाड़ दिया, जिसमें यूपीएससी सिलेबस से संबंधित टॉपिक्स लिखे थे। मैं जानती थी, किताबें फाड़ना ठीक नहीं, लेकिन मैंने ये सब अच्छे काम के लिए किया था। जो भी पन्ने मैंने फाड़े स्टेपल कर दिया और एक छोटी सी किताब बना ली, ताकि मैं आसानी से पढ़ सकूं।