।यूपीएससी सक्सेस स्टोरी: यूपीएससी सिविल सेवा दस्तावेज़ पास करना कोई आसान काम नहीं है। इस परीक्षा को पास करने के लिए सही रणनीति अपनाना बेहद जरूरी है। परीक्षा को स्पष्ट करने के लिए बहुत से उम्मीदवार हर साल कोशिश करते हैं लेकिन वे नाकामयाब रहते हैं। आज हम आपको एक आईएएस अधिकारी की प्रेरणा देने वाली कहानी के लिए जिम्मेदार हैं जिनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन आईएएस ने हार नहीं मानी और आईएएस बन गए।
आईएएस प्रीति हुड्डा बचपन से ही पढ़ाई में काफी कुछ समझ रही हैं। लेकिन उनके घर में बंधकर तंगी रहती थी। जिस वजह से कई बार तो लोगों ने उन्हें फिट रहने तक की सलाह तक दे दी। लेकिन उन्होंने अपना रास्ता खुद बनाया और आईएएस अधिकारी बनकर पूरे परिवार का नाम रौशन कर दिया। वह हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। प्रीति के पिता दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में बस ड्राइवर के पद पर प्रतिबंधित थे। प्रीति को 10वीं में 77 प्रतिशत और 12वीं में 87% अंक मिले थे।
प्रीति ने हिंदी माध्यम से पढ़ाई की है। उन्होंने दिल्ली की लक्ष्मीबाई कॉलेज से हिंदी में ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा प्रीति ने दस्तावेज़ी दस्तावेज़ की तैयारी भी हिंदी में ही की है। साथ ही हिंदी को ही इलेक्टिव विषय के रूप में चुना गया था। उनके खिलाफ कार्रवाई में पहला प्रयास सामने आया था। लेकिन उन्होंने साल 2017 में एक बार फिर परीक्षा दी और इस साल के चुनाव में 288वीं रैंक लेकर परीक्षा को क्रैक किया।
कॉन्फिडेंस के साथ करें तैयारी
एमफिल की पढ़ाई के बाद प्रीति हुड्डा ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद। एमफिल की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद उन्होंने एजाजमेंट की तैयारी की। उनके बारे में यह पता तब चला जब उन्होंने जेएनयू में भ्रष्टाचार किया था। प्रीति ग्रंथ को सलाह देते हैं कि दिन भर किताबों के साथ रहने की जगह सोच-समझकर पढ़ना चाहिए। ब्राजील को पूरे कॉन्फिडेंस के साथ परीक्षा की तैयारी करनी होगी।
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