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JPSC Result: झारखंड हाईकोर्ट ने जेपीएससी को सहायक टाउन प्लानरों की नियुक्ति का संशोधित रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए जेपीएससी को वैसे लोगों की उम्मीदवारी रद्द करने का निर्देश दिया है जिनके पास आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि ( 10.8. 2020) तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर ऑफ इंडिया का प्रमाणपत्र नहीं था। साक्षात्कार में बुलाए गए 186 वैसे उम्मीदवारों का आवेदन भी रद्द करने का निर्देश दिया है जिनके पास प्रमाणपत्र नहीं था और साक्षात्कार में शामिल हुए थे। अदालत ने शेष वैसे उम्मीदवारों का संशोधित नया पैनल बना कर रिजल्ट जारी करने को कहा है जिनके पास आवेदन की अंतिम तिथि तक प्रमाणपत्र था। जेपीएससी को संशोधित रिजल्ट जारी करने के लिए अदालत ने दो माह का समय दिया है।
इस संबंध में विवेक हर्षित, स्वप्निल मयूरेश एवं अन्य ने खंडपीठ में याचिका दायर कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति परीक्षा में ऐसे 26 अभ्यर्थी सफल हुए हैं जिनके पास आवेदन भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर का पंजीयन प्रमाणपत्र नहीं है। विज्ञापन में आवेदन की अंतिम तिथि तक ही प्रमाणपत्र रहने वालों को आवेदन करने के योग्य बताया गया था। लेकिन जेपीएससी जो रिजल्ट जारी किया है उसमें बिना प्रमाणपत्र वाले 26 लोग हैं। जेपीएससी नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में कोई नया शर्त नहीं जोड़ सकता है। ऐसे में इनकी उम्मीदवारी सही नहीं है और इन्हें रद्द किया जाए।
बता दें कि अप्रैल 2020 में जेपीएससी ने पूरे राज्य में सहायक टाउन प्लानर के 77 पद के लिए विज्ञापन निकाला था। मार्च 2021 को सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेपीएससी ने परिणाम जारी कर दिया और सफल हुए 43 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा सरकार को भेज दी थी। इनमें से 26 ऐसे अभ्यर्थी थे जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था। जेपीएससी ने 318 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था, जिनमें से 186 अभ्यर्थियों के पास इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2020 तक नहीं थी। यह मामला पहले एकलपीठ में गया था। एकलपीठ ने जेपीएससी के निर्णय को सही बताते हुए याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद खंडपीठ में अपील याचिका दायर की गयी थी।
हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की आध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पूर्व में सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले में अपीलकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अमृतांश वत्स, अधिवक्ता सिद्धार्थ रंजन, शिप्रा शालिनी ने पैरवी की थी जबकि जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार ने पैरवी की।