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मेडिकल कॉलेजों में गैरकानूनी तरीके से एमबीबीएस, एमएस और एमडी कोर्सेज की सीटें बढ़ाने जाने का मामला सामने आया है। मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस, एमएस और एमडी कोर्सेज की सीटे बढ़ाने के लिए फर्जी अनुमति पत्र जारी किए गए। मेडिकल एजुकेशन के नियम और मेडिकल कॉलेज की निगरानी करने वाली संस्था नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) की शिकायत पर दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है। एनएमसी के दो वरिष्ठ अधिकारी और चार से पांच मेडिकल कॉलेज भी पुलिस की जांच के दायरे में हैं। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया है कि इस मामले में जल्द ही गिरफ्तारी भी हो सकती है।
एमबीबीएस सीटों के इस घोटाले और फर्जी तरीके से अनुमति देने के बारे में एनएमसी को पिछले साल अगस्त माह में पता चला था। इसके बाद कमिशन ने अनुमति को रद्द करते हुए जांच के आदेश दिए थे। साथ ही पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने आईटी एक्ट के सेक्शन 66सी और आईपीसी की आपराधिक षडयंत्र व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कमिशन के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) के डिप्टी सेक्रेटरी एके सिंह ने शिकायत में कहा कि विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को आधिकारिक ईमेल आईडी ds.marb@nmc.org.in की ओर से फर्जी लेटर ऑफ परमिशन (एलओपी) जारी किए गए हैं। ये ईमेल आईडी पहले एमएआरबी का कामकाज देख रहे डिप्टी सेक्रेटरी रैंक के एक अधिकारी का है। जांच में यह पता चला रहा है कि एक अन्य अधिकारी ने एनएमसी वेबसाइट में कुछ बदलाव किए थे ताकि अनुमति पत्र असली लगे।
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इसके बाद कमिशन ने पिछले साल अगस्त माह में ही नोटिस जारी कर स्पष्ट किया था कि मेडिकल कॉलेज और हितधारक अनुमति पत्र को मान्य न समझें। एनएमसी ने कहा था कि अनुमति पत्र एमएआरबी के सदस्या/ अध्यक्ष द्वारा जारी नहीं किए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों को मिले अनुमति पत्र फेक हैं, उन्हें एमएआरबी की इजाजत न समझा जाए। आयोग ने कहा था कि दोषी व्यक्ति पर कानूनन कड़ी कार्रवाई की जाएगी।