ऐप पर पढ़ें
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) द्वारा जारी न्यूनतम मानक के मसौदे के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स शुरू करने के इच्छुक अस्पतालों में कम से कम 200 बिस्तर होने चाहिए, जिनमें से 75 प्रतिशत पर साल भर अस्पताल में भर्ती रोगी होने चाहिए। एनएमसी ने कहा कि पोस्ट ग स्नातकोत्तर प्रशिक्षण प्रदान करने वाले विभागों में कुल बिस्तरों के न्यूनतम 15 प्रतिशत गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) बिस्तर या उच्च निर्भरता इकाई (एचडीयू) बिस्तर विशेष रूप से उस विभाग के होने चाहिए।
वर्ष 2023 के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अस्पतालों में अनिवार्य रूप से बायोकैमिस्ट्री, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और रेडियो डायग्नोसिस के चार कार्यात्मक विभाग होंगे, जिस पर एनएमसी ने 15 सितंबर तक जनता से टिप्पणियां मांगी हैं। ऐसे अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ने पर आनुपातिक रूप से रेडियो-डायग्नोसिस, एनेस्थीशिया, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री के विषयों में संकाय, अवसंरचना और अन्य स्टाफ बढ़ाया जाएगा।
NEET : राउंड-3 के लिए MBBS और BDS की 1000 से ज्यादा सीटें खाली, आज आवेदन का अंतिम दिन
यदि विभाग में काम का बोझ बढ़ा है तब भी आनुपातिक रूप से संकाय और अवसंरचना को बढ़ाया जाएगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक प्रत्येक टीचिंग डिपार्टमेंट का एक टीचिंग रूम हो जिसमें पर्याप्त छात्रों के लिए क्लिनिकल केस डिस्कशन व डेमोन्ट्रेशन जैसे अध्यापन कार्य हो सकें।