UPSC success story: यूपीएससी परीक्षा भारत में सफल होने वाली सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने के लिए इस परीक्षा में अपने किस्मत और मेहनत दोनों ही आजमाते हैं। कोई इस परीक्षा में सफल होता है तो कोई इस परीक्षा के माध्यम से काफी कुछ सीख जाता है। वहीं इन्हीं उम्मीदवारों के बीच में कुछ ऐसे उम्मीदवारों भी होते हैं, जो एक से अधिक बार इस परीक्षा में सफल हो जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं, IAS अधिकारी मुद्रा गैरोला के बारे में। जो पहले IPS अधिकारी बनीं, फिर IAS अधिकारी। आइए जानते हैं उनके बारे में।
अपने इंस्टाग्राम पेज पर देश की पहली IPS अधिकारी किरण बेदी के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए मुद्रा ने लिखा था, ” मुझे आज भी वो पल याद है जब आईपीएस डॉ. किरण बेदी ने मुस्कुराते हुए मुझे बधाई दी थी। जब मैं स्कूल में थी, तब ये नहीं जानती थी कि एक दिन मैं इतनी भाग्यशाली हो जाऊंगी कि मुझे IPS और उसके बाद IAS के रूप में भी चुना जाएगा। हम कभी नहीं जानते कि नियति हममें से किसी के लिए क्या चाहती है। वहीं हमें अपने उद्देश्य के प्रति चुपचाप संघर्ष करते रहना चाहिए, क्योंकि एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।
आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं। स्कूल के दौरान से ही वह एक होनहार छात्रा रही हैं। कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा में 96% और 12वीं बोर्ड परीक्षा में 97% मार्क्स हासिल किए थे। जिस कारण भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने उन्हें स्कूल में सम्मानित किया था।
मुद्रा गैरोला मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी। स्कूल खत्म होने के बाद उन्होंने बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स (BDS) में एडमिशन लिया। इस कोर्स के दौरान उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था।
बेटी पढ़ाई में शुरू से ही होशियार थी, ऐसे में उनके पिता की तमन्ना थी कि वह भविष्य में IAS अधिकारी बने। वह चाहते थे कि बेटी उनका अधूरा सपना पूरा करें।
बता दें, ये बात साल 1973 की है, जब मुद्रा के पिता आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए थे। उस वक्त वह इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाए थे। जिसके बाद वह चाहते थे कि घर में एक IAS अधिकारी होना चाहिए। मुद्रा शुरुआत से जानती थी कि पिता की इच्छा क्या है। वहीं पिता के सपने का पूरा करने के लिए मुद्रा ने यूपीएससी की रास्ता चुना।
मुद्रा ग्रेजुएशन के बाद वह दिल्ली आ गईं और एमडीएस में दाखिला लिया, लेकिन उन्होंने यूपीएससी की तैयाीर करने के लिए बीच में ही एमडीएस कोर्स को छोड़ दिया। जिसके बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। साल 2018 में मुद्रा गैरोला ने पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। जिसमें उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर कर लिया था, लेकिन फाइनल इंटरव्यू क्लियर नहीं कर सकीं।
मुद्रा ने हार नहीं मानी और साल 2019 में दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी। इस बार भी उनका प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर हो गया था, लेकिन इंटरव्यू राउंड में असफल रही।
मुद्रा ने अपने हौसलों को बुलंद किया और तीसरी बार परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया। साल 2020 में तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार वह मेन्स क्लियर नहीं कर पाई।
मुद्रा जानती थी कि यूपीएससी की परीक्षा लोहे के चने चबाने जैसा है। जिसके बाद उन्होंने चौथी बार यूपीएससी परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया। साल 2021 में वह परीक्षा में शामिल हुईं और इस बार उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू क्लियर कर लिया। UPSC 2021 में उन्होंने 165वीं रैंक हासिल की थी। जिसमें वह IPS पद के लिए चुनी गईं।
मुद्रा ने यूपीएससी का रास्ता अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए चुना था। जो अपनी बेटी को IAS अधिकारी के पद पर देखना चाहते थे। अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए वह पांचवीं बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं और 53रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बन गईं। पिता के सपने को पूरा करने के लिए मुद्रा को 5 बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल होना पड़ा, लेकिन एक बेटी ने अपने पिता सपना पूरा कर दिखाया।