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करीब 10 साल पहले डीएड एडमिशन के नाम पर 5 लाख की धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद पश्चिम बंगाल के एक शख्स ने कमाने खाने के लिए इसी तरह के हथकंडे अपनाने की सोची। 33 साल के सोमेन सुधांशु मन्ना ने छह अन्य लोगों की मदद से महाराष्ट्र में कोल्हापुर के एक प्रोफेसर से उसकी बेटी को अलीबाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर 32 लाख रुपये ठग लिए। धोखाधड़ी की घटना 27 सितंबर की है जब सातों आरोपी शिकायतकर्ता अभिजीत अप्पासाहेब वानिरे से अलीबाग में मिलने आए थे।
कोल्हापुर कॉलेज में प्रोफेसर वानिरे से अगस्त माह में गिरोह के एक सदस्य ने संपर्क किया था, जिसने खुद को एक कंसल्टेंसी का अधिकारी बताया था, जो लोगों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने में मदद करती थी। गिरोह के सदस्य ने वानिरे से कहा कि उनकी बेटी को चेन्नई, हैदराबाद या बेंगलुरु के किसी भी मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटा से दाखिला मिल सकता है।
वनिरे ने उनसे महाराष्ट्र के ही किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए कहा। लेकिन जालसाजों ने कहा कि यह संभव नहीं है। इसके बाद ठगों ने महाराष्ट्र में ही किसी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की खोज की और सितंबर में वेनिरे को फिर से फोन कर अलीबाग में एक गवर्नमेंट एमबीबीएस सीट का ऑफर दिया। रायगढ़ पुलिस के एसपी सोमनाथ घरगे ने कहा, “आरोपी इस बात से अनजान थे कि अलीबाग में सरकारी मेडिकल कॉलेज अभी शुरू नहीं हुआ है। सभी आरोपी एक एसयूवी में पश्चिम बंगाल से अलीबाग आए और अलीबाग सिविल अस्पताल में शिकायतकर्ता से मिले। उन्होंने उस हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज बताया और उनसे 32.50 लाख रुपये ले लिए।
आरोपियों ने वेनिरे और उनकी बेटी से एक होटल में एडमिशन से जुड़े कुछ फॉर्म भरवाए और कहा कि डीन के हस्ताक्षर कराने के बाद वे वापस आएंगे। कुछ घंटों तक इंतजार करने के बाद जब वेनिरे ने उनके मोबाइल नंबरों पर कॉल की तो सभी के फोन स्विच ऑफ आए। इसके बाद वह फौरन उसी अस्पताल गए जहां उन्होंने पैसे दिए थे। वहां पूछताछ करने पर उन्हें पता चला कि वह मेडिकल कॉलेज नहीं है, उनके साथ घोखा हुआ है।
वानिरे की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद रायगढ़ की स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) ने सभी आरोपियों के फोन सर्विलांस पर लगा दिए। सात आरोपियों में से चार एसयूवी में गए थे, तीन ने अलग-अलग रास्ते अपनाए। तकनीकी मदद से पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी पश्चिम बंगाल जा रहे थे। फिर उन्होंने पश्चिम बंगाल के लिए उड़ान भरी और आरोपियों से पहले ही वहां पहुंच गए और मंगलवार को उन्हें पकड़ लिया।
एलसीबी टीम बुधवार को आरोपियों को लेकर मुंबई पहुंची और उन्हें अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 8 अक्टूबर तक हिरासत में दे दिया गया। मन्ना के अलावा, गिरफ्तार किए गए तीन अन्य लोग हैं: सौरभ सौम्य दास (43), सोमेश बीरेंद्रनाथ (27) और अभिषेक कुमार दिलीप रज्जाक ( 22)। बीरेंद्रनाथ ड्राइवर था, रज्जाक ने वानिरे को फंसाने के लिए अपने अंग्रेजी बोलने के कौशल का इस्तेमाल किया। उनसे 20 लाख रुपये बरामद कर लिए गए है, जबकि बाकी की रकम तीन वांटेड आरोपियों के पास है।
पुलिस ने कहा, “हम जांच कर रहे हैं कि क्या उन्होंने किसी और को भी इसी तरह से ठगा है। उनके पास नीट ( NEET ) के स्टूडेंट्स का डेटा था, और उन्होंने कई अभिभावकों से संपर्क किया। हमें संदेह है कि वानिरे की तरह अन्य अभिभावकों ने भी रुचि दिखाई होगी। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि गिरोह को उम्मीदवारों का डेटा कैसे मिला।