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कर्नाटक में मैसूर की एक महिला से उसके बेटे को एमबीबीएस सीट दिलाने के नाम पर 10.8 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने महिला की शिकायत पर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में निखिल कुमार, आशीष आनंद और आशितोष बिहार से हैं जबकि एक अन्य बसंत कुमार उर्फ शैलेंद्र झारखंड का रहने वला है। ये चारों इंदिरानगर में एक किराये के मकान में रहते थे। पुलिस ने गैंग के मास्टर मांइड मानव गुप्ता की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चलाया हुआ है। पुलिस ने संदेह जताया है कि गैंग पहले भी इसी तरह की अन्य वारदातों में लिप्त हो सकता है। पुलिस को उनके ठिकाने से 10 मोबाइल फोन, पांच कंप्यूटर, एक लैपटॉप, 4.5 लाख रुपये मिले हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक डीसीपी (सेंट्रल) एचटी शेखर ने कहा कि वह अभी यह पता लगा रहे हैं कि इस गैंग ने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसे कई विद्यार्थियों के रिकॉर्ड्स मिले हैं जो मेडिकल कॉलेज में एडमिशन चाह रहे थे। हमने चंनिंघम रोड पर स्थिति उनके ऑफिस को सील कर दिया है।’
धोखाधड़ी का यह मामला तब शुरू हुआ जब बीते सितंबर माह में एक दिन 42 साल की गृहणी को उसके मोबाइल पर एमबीबीएस एडमिशन से जुड़ा एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था कि 75 लाख की फीस देकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट पर एडमिशन दिया जा रहा है। महिला 25 सितंबर को मैसेज में बताए गए आरोपियों के चनिंघम स्थित ऑफिस में पहुंची और किस्तों में उन्हें 10.8 लाख रुपये दे दिए। बाद में महिला को ठगी का पता चला और उन्होंने हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
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एमबीबीएस में दाखिले को 65 लाख ठगे
यूपी में भी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। आगरा के फतेहाबाद निवासी एक कारोबारी से उनके बेटे का एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर शातिरों ने 45 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने जौनपुर निवासी एक युवक से भी 20 लाख रुपये ठगे। मेडिकल कालेज की दाखिला सूची में अपना नाम न पाकर कारोबारी पुत्र को धोखाधड़ी का शक हुआ। उन्होंने ट्रस्ट के नाम पर चेक लेने वाले लोगों से मोबाइल पर संपर्क किया तो वह बंद थे। पीड़ित कार्रवाई के बाद पुलिस के पास पहुंचे।