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बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी में नामांकन के लिए एक ही परीक्षा होगी। इसको लेकर राज्य सरकार राजभवन को जल्द ही प्रस्ताव भेजेगी। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री सह परिषद अध्यक्ष प्रो. चंद्रशेखर ने की। बैठक में कहा गया कि इस व्यवस्था के लागू होने से छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालय में प्री-पीएचडी के लिए टेस्ट नहीं देना पड़ेगा और एक ही परीक्षा के माध्यम से विषय विशेष में सीट की उपलब्धता एवं आरक्षण रोस्टर के हिसाब से नामांकन लिया जाएगा। इससे छात्र परेशानी से बचेंगे, उन्हें आर्थिक नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा। बैठक में परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. कामेश्वर झा, शिक्षा सचिव बैजनाथ यादव, मुंगेर व पटना विश्वविद्यालय के कुलपति आदि उपस्थित थे।
विदेशों में अध्ययन के लिए 100 विद्यार्थियों को मिलेगी स्कॉलरशिप
शिक्षा विभाग के सचिव बैजनाथ यादव ने बैठक में बताया कि विदेशों के नामचीन संस्थानों में अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री विदेश स्कॉलरशिप योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन के बाद प्रतिवर्ष 100 छात्र-छात्राओं को विदेश में उच्चस्तरीय अध्ययन के लिए स्कॉलरशिप दी जाएगी। बैठक में पदाधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा भी पीएचडी में शोधरत छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना की कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया गया।
नेट की तर्ज पर बेट का आयोजन
बैठक में सहायक प्रोफेसर की अर्हता के लिए नेट की तर्ज पर बेट शुरू करने पर भी सहमति बनी है। इसके अलावा बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद का प्रतीक चिह्न, वार्षिक प्रतिवेदन, नियमावली निर्मित करने, चार वर्षीय बीएससी, बीए, बीएड एकीकृत पाठ्यक्रम संरचना तैयार करने आदि पर भी सहमति दी गई।