UPSC Success story: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा का सिलेबस इतना बड़ा होता है कि इसे कवर करने के उम्मीदवारों को कई साल लग जाते हैं। हर साल इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार आवेदन करते हैं, जिनमें से कुछ ही IAS, IPS, IFS जैसे उच्च पदों के लिए चुने जाते हैं। यही कारण है कि यूपीएससी क्रैक करने वाले उम्मीदवार बेहद तेज-तर्रार माने जाते हैं। आज हम दिल्ली की दो बहनों के बारे में बात कर रहे हैं, जो एक ही साल में एक साथ UPSC परीक्षा में बैठीं और IAS का पद हासिल किया। जानिए दिल्ली की अंकिता जैन और वैशाली जैन की यूपीएससी सफलता की कहानी के बारे में और कैसे की थी तैयारी।
दिल्ली की अंकिता जैन और वैशाली जैन ने एक ही साल में यूपीएससी सीएसई 2020 क्लियर किया था। जहां वैशाली ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 21वीं रैंक हासिल की थी, वहीं उनकी बड़ी बहन अंकिता जैन ने अपने चौथे प्रयास में तीसरी रैंक हासिल की थी।
साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैली थी। जिसमें बड़ी बहन अंकिता को मुख्य परीक्षा से पहले ही कोरोना से संक्रमित हो गई थी, लेकिन अंकिता के साहस और धैर्य बनाए रखा। एक इंटरव्यू में अंकिता ने कहा, “यह मेरे लिए मानसिक और शारीरिक रूप से एक चुनौतीपूर्ण समय था। कोविड के कारण मेरी तैयारी का पूरा शेड्यूल गड़बड़ा गया था, लेकिन मैंने खुद को मोटिवेट किया और अपनी क्षमता के मुताबिक पढ़ाई की। मैंने अपना 100% देने की कोशिश की और जो भी पढ़ा, परीक्षा में वही लिखा” वहीं जब रिजल्ट आया, तो मेरी मेहनत रंग लाई और यूपीएससी मुख्य परीक्षा क्लियर कर ली।
‘IAS बहनों’ को तैयारी के दौरान झेलनी पड़ी थी ये दिक्कतें
कोरोना वायरस की चपेट में सिर्फ अंकिता ही नहीं बल्कि उनकी बहन वैशाली जैन भी आ गई थी। दोनों को परीक्षा से ठीक पहले कोविड-19 हो गया था, लेकिन दोनों ने अपना हौसला बनाए रखा।
आपको बता दें, साल 2017 में बड़ी बहन अंकिता ने अपना यूपीएससी की परीक्षा पहली बार दी थी, लेकिन वह असफल रही थी। जिसके बाद उन्होंने लगातार मेहनत की और अपने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। वर्तमान में वह मुंबई में इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस ऑफिसर के पद पर तैनात हैं।
बता दें, अंकिता ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई की है। उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट “फिलॉसफी” के लिए दिल्ली में कोचिंग की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया” परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद इस बार मैंने अपनी कमजोरी पर काम किया है। मैंने उन विषयों को बेहतर तरीके से तैयार किया, जिनके कारण मैं असफल हो जाती थी”
बता दें, कोविड से ठीक होने के बाद अंकिता ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी थी। उनका मानना है कि यूपीएससी उम्मीदवारों को ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठाना चाहिए। “अगर आप अकेले पढ़ाई करने में असमर्थ हैं तो आपको ऑनलाइन एक ग्रुप बनाकर दूसरों के साथ मिलकर पढ़ाई करनी चाहिए”
IAS अंकिता की छोटी बहन वैशाली भी UPSC के पहले प्रयास में प्रीलिम्स पास नहीं कर पाई थी। वैशाली जैन दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) से बीटेक में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। इसी के साथ वह गोल्ड मेडलिस्ट थीं। बीटेक डिग्री के बाद वैशाली ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली से एमटेक किया था। हालांकि वह वह अपनी इंजीनियरिंग कर रही थी। जिसके बाद उन्होंने बड़ी बहन की तरह यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी। उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग था।
जब वह एमटेक के लिए हेल्थ सेक्टर में काम कर रही थीं, तब उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश शुरू कर दी थी। वैशाली कहती हैं, ”मुझे कुछ बेहतर और बड़ा करने का मन हुआ, जिसके बाद मैंने यूपीएससी की परीक्षा शुरू कर दी। इस परीक्षा के लिए बहन अंकिता ने काफी साथ दिया और अच्छे से गाइड किया था।
परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने ताकत और कमजोरियों पर खास ध्यान दिया। उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग और जीएस दोनों पर अच्छे से फोकस किया था। जीएस के चार पेपर और मैकेनिकल के दो पेपर थे और दोनों में उन्होंने 250 मार्क्स हासिल किए थे।