ऐप पर पढ़ें
प्रयागराज बेली कॉलोनी में रहने वाले वशिष्ठ नारायण पांडेय का परिवार मंगलवार को आम से खास हो गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2023 परीक्षा का परिणाम जारी होने के कुछ देर बाद ही मोहल्ले में उनके बेटे प्रेम शंकर पांडेय को प्रदेश में दूसरा स्थान मिलने की खबर फैल गई। लोग बधाई देने के लिए उनके घर पर पहुंचे, हालांकि प्रेम घर पर नहीं थे। यूपी रोडवेज में परिचालक पद से 2009 में रिटायर हुए वशिष्ठ नारायण पांडेय मूल रूप से प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के ढाही गांव के रहने वाले हैं।
बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से वह पत्नी कृष्णा पांडेय और बच्चों के साथ प्रयागराज चले आए। चारों बच्चों की पढ़ाई में वशिष्ठ नारायण पांडेय ने कोई कमी नहीं की। लिहाजा बड़े बेटे राम शंकर पांडेय इस समय परिषदीय विद्यालय में शिक्षक हैं। दूसरे श्याम शंकर पांडेय एक फार्मा कंपनी में एरिया मैनेजर हैं। तीसरे स्थान पर प्रेम शंकर पांडेय हैं। चौथे बेटे डॉ. अभिषेक पांडेय मेडिकल स्टोर चलाते हैं।
इंटर के बाद ही मिल गई थी नौकरी
वशिष्ठ नारायण पांडेय ने बताया कि प्रेम शुरू से ही मेधावी था। इंटर करने के बाद 2002 में एयरफोर्स के सार्जेंट पद पर उसकी भर्ती हो गई। इसी बीच छात्रपति शाहूजी महराज विश्वविद्यालय कानपुर से बीए और एमए की पढ़ाई की। 2020 में एयरफोर्स से इस्तीफा दे दिया। 2021 में उसका चयन समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती में हुआ। कुछ महीने पहले ही तैनाती मिली, इस समय वह लखनऊ स्थित सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
UPPSC PCS Toppers List : यूपी पीसीएस में 251 अभ्यर्थियों का चयन, ये 41 बने डिप्टी कलेक्टर
कमियां दूर कर हासिल की कामयाबी
प्रेम का सपना पीसीएस अफसर बनना था। पीसीएस 2022 की परीक्षा में मेंस पास कर प्रेम ने इंटरव्यू दिया, लेकिन चयन नहीं हो सका था। प्रेम ने पहली असफलता की अपनी कमियों को दूर करते हुए दूसरे प्रयास में न केवल सफलता हासिल की बल्कि प्रदेश के मेधावियों की सूची में दूसरे स्थान पर अपना नाम दर्ज करा दिया। 2012 में उनकी शादी शिप्रा पांडेय से हुई। पत्नी गृहणी हैं। बेटी मनस्वी कक्षा तीन में है।