पीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2022 में ग्रेटर नोएडा की रहने वाली इशिता किशोरी ने टॉप किया है। इसकी जानकारी से ही इशिता को बधाई देने वालों का तांता लग गया। इशिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। उन्होंने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण पर काम करती हैं। तीसरे प्रयास में टॉप करने वाली इशिता पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स नहीं निकल पाईं। राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी रह चुकीं इशिता ने 2012 में सुब्रतो कप फुटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। मूल रूप से पूर्वा बिहार की रहने वाली इशिता ग्रेटर नोएडा की ग्रामीण समाज में रहती हैं। उनके पिता एयर फोर्स में विंग कमांडर थे। इशिता की प्रारंभिक शिक्षा एयर फोर्स बाल भारती स्कूल लोधी रोड से हुई। वर्ष 2017 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स का अभ्यास किया। इसके बाद अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी में नौकरी करने लगी। इशिता ने बताया कि पहले वह यह तय नहीं कर पा रही थी कि वह अब क्या करें। कभी एमबीए तो कभी इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट करने का सोचा, लेकिन बाद में उन्होंने सिविल सर्विस में जाने का फैसला लिया। दो साल बाद इशिता ने साल 2019 में नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। घर पर अध्ययन किया। इंटरव्यू से पहले उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग ली थी।
रोज 8 से 9 घंटे की पढ़ाई इशिता ने बताया कि उन्हें तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स क्लीयर नहीं हो पाए। मां ने पूरा सपोर्ट किया और कहा कि तुम तैयारी जारी रखो। इसके बाद लगातार 8 से 9 घंटे पढ़ाई की। पढ़ाई लगातार और ईमानदारी से तैयारी की। अपनी कमजोरियों को दूर किया। हर विषय पर अपनी पकड़ मजबूत की। तब जाकर यह सफलता मिली पाई।
बातचीत में चीन और पंचायती राज पर पूछे गए थे सवाल
इशिता ने कहा कि साक्षात्कार के लिए पूरी तैयारी की थी। चीन, पंचायती राज प्रणाली, अनुसंधान, खेल समेत तमाम मुद्दों पर सवाल पूछे गए थे। अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के स्टैंड पर सवाल पूछा गया। उनका समाधान बताया गया है। कहा कि वैश्विक दबाव के बीच भारत को अपना स्टैंड रखना चाहिए।
मां ने पूरा सपोर्ट किया
इशिता के पिता संजय किशोर विंग कमांडर थे और 2004 में उनकी मृत्यु हो गई थी। दिल्ली में एयर फोर्स बाल भारती स्कूल लोधी रोड में नौकरी की। गत नवंबर में वह निजी स्कूल के समन्वयक के पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने बेटी की पढ़ाई करने में पूरा सपोर्ट किया।
उचित सलाह
● सभी ईमानदारी से तैयारी करनी चाहिए
● अपनी कमजोरी और सामने वाले को परखना पड़ता है
●दूसरों से तुलना कभी नहीं करनी चाहिए
● जहां पर जरूरी हो, मदद जरूर लेनी चाहिए
● स्वयं अध्ययन पर ध्यान दें।
जिसमें रुचि थी, उसे ही वैकल्पिक चुनें
इशिता ने कहा कि जिस विषय पर पकड़ अच्छी हो और आपको उसे पढ़ने में दिलचस्पी हो, उसी विषय को स्टेटमेंट कहा जाना चाहिए। इकोनॉमिक्स में ऑनर्स करने के बावजूद इशिता ने पॉलिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशन को वैकल्पिक विषय चुना। इशिता ने कहा कि उन्हें पढ़ने में मजा आता है। राजनीति में भी रुचि है। इसीलिए इस विषय को चुना गया है।
प्रथम स्थान पाना, शंका सच होना जैसा
इशिता किशोर ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान, सपने के सच होने जैसा है। अधिकारी बनने के बाद वह महिला अधिकारिकरण की दिशा में काम करता है। वे परिवार के प्रति उत्साह व्यक्त करते हैं। उसने कहा, वह बहुत स्पष्ट है कि जब वह पहले दो प्रयासों में सिविल सेवा परीक्षा में पास नहीं हुआ तो परिवार के साथ खड़ा रहा।