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यूपीएससी आईएएस साक्षात्कार प्रश्न: ओपनसी वार्ता के दौरान ज्यादातर प्रश्न आपके डीएफए (डीएफए – विस्तृत आवेदन पत्र) और सब्जेक्ट को ध्यान में रखते ही पूछे जाते हैं। डीएफए में आपने अपना जो शैक्षणिक दृष्टिकोण या हॉबीज बताई होंगी, उससे निश्चित रूप से कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा। कृपासी सिविल सेवा परीक्षा 2022 की टॉपर इशिता किशोर से भी उनकी शिक्षा संबंधी जिज्ञासा और हॉबीज से जुड़े कई प्रश्न पूछे गए। आशिता पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी आगे जा रही हैं। आज भी वह कई खेल खेलती हैं। वह राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी रह गए हैं। इशिता ने 2012 में सुब्रतो कप फुटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। सबसे पहले इंटरव्यू के दौरान एक बोर्ड के सदस्य ने इशिता से उनके स्पोर्ट्स रेस्पिरेटर से आर-पार सवाल ही पूछा था।

बीबीसी को दिए गए साक्षात्कार में इशिता ने बताया कि उनसे पूछा गया था कि वह खेल की समझ का प्रशासन में कैसे इस्तेमाल किया जाता है। इशिता ने कहा कि यह बिल्कुल अलग और दिलचस्प सवाल था। यह अलग नजर वाला सवाल था। इशिता ने कहा कि उनसे चीन, पंचायती राज व्यवस्था, अनुसंधान, खेल सहित तमाम मुद्दों पर सवाल पूछे गए थे। अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के स्टैंड पर सवाल पूछा गया। उनका समाधान बताया गया है। कहा कि वैश्विक दबाव के बीच भारत को अपना स्टैंड रखना चाहिए।

तीसरे प्रयास में टॉप करने वाली इशिता पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स नहीं निकल पाईं। मूल रूप से पूर्वा बिहार की रहने वाली इशिता ग्रेटर नोएडा की ग्रामीण समाज में रहती हैं। उनके पिता एयर फोर्स में विंग कमांडर थे। इशिता की प्रारंभिक शिक्षा एयर फोर्स बाल भारती स्कूल लोधी रोड से हुई।

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इशिता टीनएज ने 2017 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित कॉलेज एसआरसीसी से बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स किया था। लेकिन उन्होंने अपना फॉर्मैट राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध चुने। इस पर उन्होंने कहा कि ग्रेजुएशन के दौरान वे निष्क्रिय विषय के तौर पर राजनीति विज्ञान भी पढ़ते थे तो उन्हें इसकी समझ पहले थी। मुलाकात में उन्होंने कहा, ‘मुझे कि राजनीति शास्त्र एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में मैं पहले को बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकता हूं और अंतरराष्ट्रीय संबंध समकालीन विषय है, मुझे लगा कि ये विषय मेरे लिए अर्थशास्त्र से बेहतर होगा।’

इसके बाद अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी में नौकरी करने लगी। इशिता ने बताया कि पहले वह यह तय नहीं कर पा रही थी कि वह अब क्या करें। कभी एमबीए तो कभी इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट करने का सोचा, लेकिन बाद में उन्होंने सिविल सर्विस में जाने का फैसला लिया। दो साल बाद इशिता ने साल 2019 में नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। घर पर अध्ययन किया। इंटरव्यू से पहले उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग ली थी।

रोज 8 से 9 घंटे की पढ़ाई
इशिता ने बताया कि उन्हें तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स क्लीयर नहीं हो पाए। मां ने पूरा सपोर्ट किया और कहा कि तुम तैयारी जारी रखो। इसके बाद लगातार 8 से 9 घंटे पढ़ाई की। पढ़ाई लगातार और ईमानदारी से तैयारी की। अपनी कमजोरियों को दूर किया। हर विषय पर अपनी पकड़ मजबूत की। तब जाकर यह सफलता मिली पाई।

स्टेटसी सी एस परिणाम में विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयोग द्वारा कुल 933 रूस (613 पुरुष और 320 महिलाएं) की छोड़ी गई है। शीर्ष 25 अभ्यार्थियों में 14 महिलाएं और 11 पुरुष शामिल हैं। शीर्ष 4 वर्किंग महिलाएँ हैं।

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