राजस्थान में जारी हुई नई गाइडलाइंस, कोचिंग संस्थान सार्वजनिक नहीं करेंगे असेसमेंट टेस्ट का रिजल्ट-Inspire To Hire



<p style="text-align: justify;">कोचिंग हब के लिए जाने- जाने वाले कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनओं को देखते हुए राजस्थान राज्य की सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. सरकार ने छात्रों के कल्याण के लिए गए फैसला लेते हुए कहा है कि 9वीं क्लास के पहले छात्रों को कोचिंग सेंटर में दाखिला नहीं दिया जाएगा. साथ ही कोचिंग सेंटरों को इस बात का ध्यान रखा होगा कि छात्र-छात्राओं पर मानसिक दवाब ना हो.</p>
<p style="text-align: justify;">राज्य सरकार की तरफ से ये दिशा-निर्देश प्रदेश के विभिन्न शहरों में चल रहे कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए दिए गए हैं. निर्देश के अनुसार छात्रों को हफ्ते में डेढ़ दिन का अवकाश कोचिंग सेंटर देंगे. बच्चों व &nbsp;शिक्षकों का अनुपात सही रखें. साथ ही सेंटर पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए.<br /><br />राजस्थान सरकार ने शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति का गठन किया था. जिसके बाद अब दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. समिति का गठन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों के केंद्र कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बाद कोचिंग संस्थानों व हितधारकों के परामर्श से किया गया था.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>रिफंड पॉलिसी को अपनाएं</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">इसके अलावा कोचिंग सेंटर संचालकों से ये भी कहा गया है कि वह असेसमेंट टेस्ट के नतीजे सार्वजनिक नहीं करें. इन परीक्षाओं के नतीजों को गोपनीय रखते हुए अपने स्तर पर नियमित विश्लेषण करें व जो बच्चे निरंतर कम अंक प्राप्त कर रहे हैं और जिनका शैक्षणिक प्रदर्शन लगातार गिर रहा है उनकी काउंसलिंग करें. संस्थानों के शिक्षकों से छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करने के लिए कहा गया है. साथ ही साथ रिफंड पॉलिसी को अपनाने पर भी जोर दिया गया है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>तनाव कम करने के लिए करें प्रयास</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">सरकार ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को भी कोचिंग संस्थानों में दिशा निर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के कहा है. आंकड़ों के अनुसार कोटा में इस साल 23 छात्रों ने आत्महत्या की है, जो अब तक की सबसेबड़ी संख्या है. पिछले वर्ष ये आंकड़ा 15 था. मुख्य सचिव की तरफ से कहा गया है कि बच्चों में पढ़ाई के अवांछित तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने जरूरी है. जिससे वे हताश और निराश होकर गलत कदम न उठाएं. &nbsp;</p>
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