12th Fail IPS Manoj Kumar Sharma Slept With Beggars cleared upsc with peon job in delhi-Inspire To Hire


UPSC Success Story: कक्षा 12वीं में फेल होने के बाद हर किसी का हौसला डगमगा जाता है, लेकिन क्या आप यकीन कर सकते हैं, कि 12वीं  फेल एक शख्स ने UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास  की और IPS ऑफिसर बन गए।

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जी हां हम बात कर रहे हैं,  IPS ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा के बारे में, जिन पर एक ’12th Fail’ नाम की एक फिल्म भी बनी है। आइए जानते हैं उनके बारे में।

बता दें, मनोज कुमार शर्मा को पहले पढ़ाई में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी। वहीं परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब थी, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने जान लिया, कि शिक्षा ही आपके जीवन में बदलाव ला सकती है।

12वीं कक्षा में जब हुआ प्यार

कक्षा 12वीं में मनोज कुमार शर्मा को प्यार हो गया था, लेकिन 12वीं में फेल होने के कारण वह उस लड़की को प्रपोज नहीं कर पाए थे, उन्हें लग रहा था कि लड़की की तरफ से न हो सकती है। इसलिए मनोज डर गए थे,  लेकिन काफी सोचने के बाद उन्होंने लड़की को प्रपोज किया और हैरानी की बात यह है कि लड़की ने उनका प्रपोजल स्वीकार कर लिया।

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लड़की को प्रपोज करते समय उन्होंने उससे कहा था कि  ”अगर तुम हां कहो तो मैं दुनिया पलट दूंगा,” जिसका अर्थ खा कि वह अपनी गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनकी गर्लफ्रेंड का नाम श्रद्धा जोशी है। कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली। यूपीएससी की तैयारी के दौरान श्रद्धा ने मनोज का काफी सपोर्ट किया। आपको बता दें, उनकी पत्नी श्रद्धा ने भी UPSC की परीक्षा दी थी और वर्तमान में IRS ऑफिसर हैं।

फिर दोबारा की कक्षा 12वीं की तैयारी

कक्षा 12वीं में फेल होने के बाद मनोज ने खुद को संभाला और ग्वालियर में अपनी आजीविका कमाने के लिए ऑटो-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। इसी समय उन्होंने 12वीं कक्षा की अच्छे से पढ़ाई की। मनोज कुमार शर्मा ने ग्वालियर के महारानी लक्ष्मीबाई गर्वेमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, ग्वालियर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

बता दें अपनी किताब ‘Twelfth Fail’ में उन्होंने एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर के रूप में अपने जीवन के बारे में कई बातें लिखी हैं। मनोज पर अपने परिवार का भरण-पोषण करने का भी बहुत दबाव था। उनके घर पर छत तक नहीं थी। यह कल्पना करना कठिन है कि ऐसी परिस्थितियों में कोई व्यक्ति एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना कैसे देख सकता है। अपनी तैयारी के दिनों में, वह भिखारियों के साथ, मंदिरों में सोते थे और पैसे कमाने के लिए लोगों के पालतू कुत्तों को घुमाते थे।

आसान नहीं था सफर

मनोज शर्म का IPS अधिकारी बनना आसान नहीं था। उन्होंने हिंदी मीडियम से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। हम सभी जानते हैं, इंग्लिश मीडियम की तुलना में हिंदी मीडियम से यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

खुद से उठाते थे पढ़ाई का खर्च

घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी, ऐसे में किताबों और कोचिंग के लिए पैसे खुद ही जोड़ने पड़ते थे। कुछ पैसे कमाने के लिए उन्हें टेम्पो चलाना पड़ा और कभी-कभी रात में कई बार भिखारियों के साथ भी सोना पड़ता था।

इसी के साथ उन्होंने दिल्ली में एक लाइब्रेरी में चपरासी का  काम किया। यहां काम करने का उन्हें काफी लाभ हुआ। यहां उन्हें पढ़ने का मौका मिला।  लाइब्रेरी में उन्होंने मैक्सिम गोर्की और अब्राहम लिंकन से लेकर मुक्तिबोध तक कई मशहूर लेखकों की किताबों और शख्सियतों के बारे में पढ़ा। इन सभी किताबों को ढ़ने के बाद मनोज कुमार शर्मा को अपने जीवन का अर्थ और उसका उद्देश्य समझ में आया।

यही से उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया और तैयारी शुरू कर दी। शुरुआती असफलताओं के बारे में सोचे बिना, मनोज ने यूपीएससी में चार प्रयास किए। पहले तीन प्रयासों में उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा, लेकिन चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की। जिसमें उन्होंने 121वीं रैंक हासिल की।

वर्तमान में वह मुंबई पुलिस में एडिशनल कमीश्नर के रूप में कार्यरत हैं। मनोज कुमार शर्मा के मजबूत व्यक्तित्व को देखते हुए उन्हें “सिंघम” और “सिम्बा” के नाम से भी जाना जाता है।

बता दें, 12वीं कक्षा में फेल होने और आर्थिक तंगी से जूझने से लेकर एक सफल आईपीएस अधिकारी बनने तक का मनोज का सफर वाकई प्रेरणादायक है। ये लोगों को सिखाती है, कि हालात चाहें कैसे भी हो, लेकिन आपके अंदर जज्बा हमेशा होना चाहिए।

 

 


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