यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की ओर से आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा (CSE) परीक्षा में सफल होने के बाद रैंक के अनुसार, उम्मीदवारों की नियुक्ति इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के पदों पर की जाती है। IPS अधिकारी बनने के लिए कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें फिजिकल और मेडिकल परीक्षा भी क्लियर करनी पड़ती है।
बता दें, IAS अधिकारी बनने के लिए फिजिकल परीक्षा को पास करने की जरूरत नही होती है, लेकिन IPS की भर्ती के लिए उम्मीदवारों की ऊंचाई और वजन को देखा जाता है।
UPSC की फाइनल लिस्ट में नाम आ जाने से एक उम्मीदवार IPS नहीं बनता है, बल्कि उन्हें काफी चुनौतीपूर्ण ट्रेनिंग पूरी करनी होती है। LBSNAA में फाउंडेशन कोर्स के बाद IPS पद के लिए चुने गए उम्मीदवारों को नेशनल पुलिस एकेडमी सरदार वल्लभभाई पटेल (SVPNPA), हैदराबाद भेजा जाता है, जहां उनकी मुश्किल ट्रेनिंग शुरू होती है। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें मुख्य रूप से शारिरिक और मानसिक रूप से मजबूत किया जाता है।
बता दें, आईपीएस अधिकारी मुख्य कार्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है। एक आईपीएस का पद यह सुनिश्चित करता है, कि जिस क्षेत्र में उनकी पोस्टिंग है, वहां चोरी, डकैती या कोई आपराधिक गतिविधियां न हों। ऐसे में ट्रेनिंग के दौरान उनका शेड्यूल काफी कठोर और चुनौतीपूर्ण होता है। इंडियन पुलिस सर्विस में पुलिस ऑफिसर बनने के लिए वजन संबंधी नियम स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं हैं। हालांकि जरूरी है कि अधिकारी फिट रहें।
IPS फिजिकल फिटनेस क्राइटेरिया
आईपीएस के लिए फिजिकल फिटनेस क्राइटेरिया के अनुसार, एक महिला (जनरल कैटेगरी) की न्यूनतम आईपीएस ऊंचाई 150 cm होनी चाहिए।
एसटी और गोरखा, गढ़वाली, असमिया, कुमाऊंनी, नागालैंड आदिवासी और अन्य जातियों के आवेदकों के मामले में महिलाओं के लिए आवश्यक ऊंचाई में 145 cm तक छूट दी गई है। दूसरी ओर, पुरुष उम्मीदवारों की न्यूनतम आईपीएस ऊंचाई 165 cm होनी चाहिए, और एसटी (एससी/ओबीसी को छोड़कर) के लिए यह 160 cm है।
मेडिकल टेस्ट के बारे में
इंडियन पुलिस सर्विस में शामिल होने के लिए जो उम्मीदवार फिजिकल टेस्ट में सफल होते हैं, उन्हें मेडिकल टेस्ट में शामिल किया जाएगा। जिसमें ब्लड प्रेशर, स्पीच, हेयरिंग एबिलिटी,विजन और प्रेगेनेंसी आदि चेक की जाती है।
ब्लड प्रेशर- उम्मीदवार की उम्र के हिसाब से सामान्य होना चाहिए।
स्पीच- ये चेक किया जाता है कि उम्मीदवार हकला तो नहीं रहे हैं।
हेयरिंग एबिलिटी- अधिकारी को सुनने में कोई समस्या तो नहीं है।
विजन- चेक किया जाता है कि अधिकारियों को देखने में कोई परेशानी तो नहीं है। वह दूर और पास का आराम से देख पा रहे हैं या नहीं।
प्रेग्नेंसी-मेडिकल टेस्ट के दौरान महिला पुलिस अधिकारियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट भी लिया जाता है।