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बिहार के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में दूसरे चरण के बाद नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गयी है। इस बार मॉपअप राउंड के तहत नामांकन नहीं होगा। दूसरा चरण समाप्त होने के बाद भी आधे से अधिक सीटें खाली रह गयी है। राज्य के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 13675 सीटों पर नामांकन होना था, लेकिन मात्र 5733 सीटों पर ही नामांकन हो सका है। सेकेंड राउंड समाप्त होने के बाद 7942 सीटें रिक्त रह गयी है। इन रिक्त सीटों में कंप्यूटर साइंस के साथ-साथ उससे जुड़े कई स्ट्रीम में सीटें खाली है। जबकि नये सत्र 2023-24 में 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 2810 सीटें बढ़ाई गयी थी। इस बार सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 360-360 सीटें निर्धारित कर दी गयी थी। केवल एमआइटी मुजफ्फरपुर में मात्र पांच सीट कम है। यहां 355 सीटें हैं। बाकि सभी 37 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 360-360 सीटों पर नामांकन होना है।
कई कॉलेजों में नये ब्रांच इस बार खोले गये थे, लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड में कंप्यूटर साइंस व कंप्यूटर साइंस से संबंधित विषयों रहें। इसके बाद भी कंप्यूटर साइंस से संबंधित सभी कॉलेजों में कुछ न कुछ सीटें खाली रह गयी है। इसके साथ डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वीमेंस इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी में 90 व एसजीआईडीटी पटना में 38 सीटों पर एडमिशन होगा। दोनों मिला कर 115 सीट खाली है।
बीसीईसीईबी ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली बची सीटों पर नामांकन के लिए बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (बीसीईसीई ) 2023 की संयुक्त मेधा सूची के आधार पर पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ) ग्रुप के अभ्यर्थियों से भरने का निर्णय लिया गया है।
पीसीएम ग्रुप से मेधा सह विकल्प के अनुसार ऑनलाइन काउंसेलिंग कराना है। ऑनलाइन काउंसेलिंग की प्रक्रिया एक सितंबर से शुरू होगी। पंजीयन व च्वाइस एक से चार सितंबर तक कर सकते हैं। पहले चरण का प्रोविजनल सीट आवंटन आठ सितंबर को जारी किया जायेगा। पहले चरण के तहत नामांकन नौ से 11 सितंबर तक हुआ था। वहीं, दूसरे चरण का प्रोविजनल सीट आवंटन 15 सितंबर को जारी किया गया था।