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BPSC Bihar Shikshak Bharti: बिहार के माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों में चल रही 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अपने निर्णायक मोड़ पर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्राथमिक शिक्षक पद से बाहर हुए बीएड अभ्यर्थी खुद को भर्ती में शामिल किए जाने की मांग उठाने लगे हैं। ऐसे ही अभ्यर्थियों में कुछ ऐसे लोग भी हैं बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE) के दस्तावेज सत्यापन (DV) को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ऐसे अभ्यर्थियों को अपना सख्त संदेश दिया है।
उन्होंने शुक्रवार, 8 सितंबर 2023 को ट्वीट कर कहा है कि सरकार अपने अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति करती है और बाद में उन्हें बदल देती है। इससे हमें किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होती। लेकिन अगर ऐसे तत्वों की बात करें जो टीआरई-डीवी रद्द कराने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें और ज्यादा कोशिश करनी चाहिए। यानी बीपीएससी अध्यक्ष ने संकेतों में ही स्पष्ट किया है कि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया किसी भी हाल में रुकने वाली नहीं है।
आपको बता दें कि 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड पास अभ्यर्थियों की जरूरत नहीं है। इसके लिए डीएलएड पास ही पर्याप्त योग्यता रखते हैं। इसके बाद से प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना देख रहे लाखों बीएड अभ्यर्थियों पर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं। इसी क्रम में बिहार में चल रही शिक्षक भर्ती में भी प्राथमिक शिक्षक पद से बीएड धारकों को बाहर होने के संकेत मिल चुके हैं। अब बीपीएससी शिक्षक भर्ती में आवेदन करने वाले करीब 3 लाख 90 हजार अभ्यर्थी खुद को शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाने की मांग उठाने लगे हैं।
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आपको बता दें कि बीपीएससी ने 79 हजार प्राथमिक शिक्षकों समेत राज्य में कुल 1.70 लाख शिक्षक भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा 24, 25 और 26 अगस्त 2023 को आयोजित कराई थी। इस परीक्षा में कुल करीब 6 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।
क्या करें अब बीएड पास अभ्यर्थी?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि देशभर में बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया जाता है तो ऐसे अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए फिर से कमर कसनी होगी। बीएड पास अभ्यर्थी अब उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी या सीटीईटी में आवेदन करें और उच्च प्राथमिक या माध्यमिक स्तर के लिए निकलने वाली शिक्षक भर्ती का इंतजार करें। यानी अब बीएड पास अभ्यर्थियों के लिए राह और कठिन जाएगी क्योंकि उन्हें सरकारी शिकक्ष बनने के लिए नए सिरे से तैयारी करनी होगी।