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बिहार में नए आरक्षण नियमों के तहत भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के पहले रोस्टर क्लीयरेंस का निर्देश सभी विभागों और भर्ती आयोग को दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव सोहैल ने बुधवार को इससे संबंधित निर्देश जारी किया है। विभाग ने एक सौ बिंदुओं का मॉडल रोस्टर भी सभी को उपलब्ध कराया है। निर्देश के अनुसार विज्ञापन प्रकाशन में बैकलॉग रिक्तियों और चालू रिक्तियों को अलग-अलग स्पष्ट रूप से अंकित किया जाएगा। नियुक्ति के लिए पहले व्यवहार में बैकलॉग की स्थिति नहीं बनती है, इसलिए रोस्टर बिंदु-01 से प्रारंभ कर रोस्टर क्लीयरेंस की कार्रवाई की जाएगी।
निर्देश दिया गया है कि पूर्व से नियुक्त पिछड़े वर्गों की महिलाएं (डब्लूबीसी), कोटि की महिला कर्मी अपने संगत आरक्षित मूल कोटि जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग में गिनी जाएगी। छोटे स्थापना वाले संवर्ग में आरक्षण प्रतिशत के आधार पर अनुसूचित जनजाति को पद उपलब्ध कराने में व्यवहारिक कठिनाइयां उत्पन्न होती है। किसी रोस्टर क्लीयरेंस के क्रम में अनुसूचित जनजाति को अनुमान्य बिंदु (18/84) के व्यवहार होने पर यथास्थिति उसे पद उपलब्ध करा दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) को तब तक चालू रिक्ति का 10 प्रतिशत पद अनुमान्य होता रहेगा, जबतक कि उसे कुल स्वीकृत पद का 10 प्रतिशत पद प्राप्त न हो जाए।
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महिलाओं को 35 फीसदी क्षैतिज आरक्षण
महिलाओं को 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के तहत गैर आरक्षित, आरक्षित कोटिवार पद उपलब्ध कराने के क्रम में वर्टिकल आरक्षण के अंतर्गत गैर आरक्षित वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अनसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग को अनुमान्य पदों के विरुद्ध 35 प्रतिशत की दर से पदों की गणना महिलाओं के लिए की जाएगी।
इन्हें भेजा गया निर्देश
इस निर्देश का पालन प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, बिहार लोक सेवा आयोग ( BPSC ), बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ( BPSSC ), कर्मचारी चयन आयोग ( BSSC ) के सचिवों, बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के परीक्षा नियंत्रक, निबंधक, महाधिवक्ता, बिहार का कार्यालय, उच्च न्यायालय, बिहार राज्य विश्व विद्यालय सेवा आयोग के सचिव, पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के सदस्य सचिव एवं अति पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के सचिव को करने को कहा गया है।
सरकारी सेवाओं में नियुक्ति में आरक्षित वर्गों के लिए संशाधित आरक्षण प्रतिशत का प्रावधान :
अनुसूचित जाति – 20 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति – 02 प्रतिशत
अत्यंत पिछड़ा वर्ग – 25 प्रतिशत
पिछड़ा वर्ग — 18 प्रतिशत
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग — 10 प्रतिशत