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बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से आयोजित हुई 1.70 लाख शिक्षक भर्ती परीक्षा में 1 लाख 22 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन हुआ है लेकिन 10 हजार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग नहीं कराई है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 10 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। ये पद अब रिक्त रहेंगे और दूसरे चरण की बिहार शिक्षक भर्ती में इन्हें भरा जाएगा। पहले से ही 50 हजार से अधिक सीटें खाली रह गई थी, अब यह संख्या 60 हजार के पार हो गई है।
योगदान करने वाले शिक्षकों को सीएम देंगे नियुक्ति पत्र
सीएम नीतीश कुमार चयनित शिक्षकों को 2 नवंबर को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इसके बाद सभी का इंडक्शन ट्रेनिंग शुरू की जाएगी। यह ट्रेनिंग 4 नवंबर से सूबे के 77 शैक्षणिक संस्थानों में दी जायेगी। हालांकिप हले से नियुक्त शिक्षकों को इंडक्शन ट्रेनिंग नहीं लेनी होगी, चयनित जिले में जाकर सिर्फ नियुक्ति पत्र लेना होगा। पहले से नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र लेकर मूल विद्यालय में योगदान करना होगा। छठ के बाद सॉफ्टवेयर से स्कूलों में पोस्टिंग होगी। आवंटित जिले में ही पोस्टिंग के बाद योगदान देना होगा।
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नवनियुक्त शिक्षक ग्रामीण स्कूलों में पदस्थापित होंगे
नवनियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन में गांवों के स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक कम हैं। इसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है। इसी के हिसाब से नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने की तैयारी चल रही है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नौवीं-दसवीं के शिक्षकों के सभी पद उन उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों को दिये गये हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं। वहीं, 11 वीं और 12 वीं के अधिकांश शिक्षकों के पद भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ही रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूलों में भी कमोवेश यही स्थिति है।
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा पर शहर के स्कूलों में भी पदस्थापन किये जाएंगे। हालांकि, ये वैसे स्कूल होंगे जहां छात्र अधिक हैं और शिक्षक काफी कम। इसी हिसाब से सॉफ्टवेयर में स्कूलों के नाम और विषयवार पद अपलोड किये जा रहे हैं। शिक्षकों के नाम भी दर्ज किए जाएंगे।