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MBBS admission: नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने 30 सितंबर के बाद एमबीबीएस कोर्स में हुए नामांकन को अमान्य करार दिया है। साथ ही काउंसिलिंग व नामांकन की जारी प्रक्रिया रोकने को कहा है। एनएमसी के अनुसार, एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसिलिंग की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित थी। इस तिथि के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी रखना हमारे आदेश का उल्लंघन है। ऐसे में 30 सितंबर के बाद केंद्र व राज्य कोेटे से जिन छात्रों को प्रवेश दिया गया है, उन्हें तुरंत हटाया जाये। इस आदेश से बिहार में 30 सितंबर के बाद एमबीबीएस की 860 सीटों पर दाखिला लेने वाले छात्रों की परेशानी बढ़ गई है।
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के 30 सितंबर के बाद एमबीबीएस कोर्स में हुए नामांकन को अमान्य करार देने से इस तारीख के बाद बिहार के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले 860 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। क्योंकि, बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) की ओर से तीसरे चरण में एक से चार अक्टूबर तक एमबीबीएस की 860 सीटों पर दाखिला हुआ है।
तीसरे चरण में बिहार में एमबीबीएस, डेंटल व वेटनरी मिलाकर कुल 1093 सीटों का आवंटन किया गया था। इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल 1206 सीटों में से 597 सीटें शामिल थीं। इन 597 सीटें पर 30 के बाद नामांकन हुआ। वहीं, निजी कॉलेजों की 263 एमबीबीएस सीटें पर तीसरे राउंड में नामांकन के लिए मेधा सूची जारी की गयी थी। सरकारी डेंटल कॉलेज की 75 और निजी डेंटल कॉलेजों की 122 सीटें पर भी 30 के बाद नामांकन हुआ है। इसके बाद भी एमबीबीएस व डेंटल की 144 सीटें खाली रह गयी हैं। इसके लिए 18 अक्टूबर तक च्वाइस फिलिंग करायी गई। बीसीईसीईबी के ओएसडी अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग विभाग से जैसा-दिशा निर्देश मिलेगा, उसी अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।