ऐप पर पढ़ें
MBBS NMC: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने हर राज्य में 10 लाख की आबादी पर नीट यूजी की 100 सीटें सीमित करने का फैसला किया है। इस फैसले पर एनएमसी का दावा है कि 10 लाख की आबादी वाले क्षेत्र में एमबीबीएस की सीटों को 100 करने से हेल्थकेयर प्रोफेशन्स को लेकर क्षेत्रीय असमानताएं कम होंगी। नेशनल मेडिकल कमीशन ने नए मेडिकल कॉलेजों के लिए नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जहां 10 लाख की आबादी होगी, वहीं नए कॉलेजों को मान्यता दी जाएगी। दो कॉलेजों के बीच की दूरी 15 किलोमीटर अनिवार्य है।
एनएमसी ने इसके साथ एक आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें यह कहा है कि इस फैसले से मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रभावशाली क्वालिटी एजुकेशन दिलाने में भी लंबे समय तक मदद मिलेगी। आपको बता दें कि एमएसआर गाइडलाइंस 2023 में एमबीबीएस की हर राज्य में एक मिलियन आबादी पर 100 सीटें का प्रोविजन शामिल किया गया है। जिसमें बताया गया है कि इसका लक्ष्य मेडिकल स्टूडेंट्स को सही टीचिंग एन्वार्यमेंट देना और उनकी ओवरऑल क्वालिटी ऑफ एजुकेशन को सुधारना है।
एनएमसी ने कहा कि इस रेशों के साथ, अगर मेडिकल कॉलेजों में सीटों का देने का फैसला दिया गया तो देश में लगभग 40,000 एमबीबीएस सीटें बढ़ने की संभावना होगी। एनएमसी नोटिस में यह भी कहा है कि एनएमसी के इस फैसले की आईएमए की विभिन्न स्टेट ब्रांचों, स्टूडेंट्स यूनियन्स और सामान्य तौर से मेडिकल जगत द्वारा तारीफ की जा रही है और एनएमसी देश में मेडिक टीचिंग सुविधा में लगातार सुधार के लिए अपनी कोशिश जारी रखेगा।
इससे पहले आपको बता दें कि नेशनल मेडिकल कमिशन ( एनएमसी ) ने दो पेपरों वाले एमबीबीएस विषयों में पासिंग मार्क्स को घटाकर 40 प्रतिशत करने के फैसले को वापस ले लिया है। आयोग ने कहा है कि करिकुलम बेस्ड मेडिकल एजुकेशन (सीबीएमई) गाइडलाइंस में संशोधन संभव नहीं है। एनएमसी ने सीबीएमई गाइडलाइंस में संशोधन की अधिसूचना सितंबर माह में जारी की थी।