JEE Main NEET Free Coaching : Education ministry IIT Kanpur launch SATHEE to help JEE NEET exam-Inspire To Hire


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आईआईटी का ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटपॉर्म ‘साथी’ अब जेईई और नीट समेत कक्षा 11 व 12 के छात्रों की परीक्षा की तैयारी कराएगा। सीबीएसई को देशभर के स्कूलों को इसकी जानकारी देनी होगी। शिक्षकों को बच्चों को ऐसा होमवर्क देना होगा जिससे इसके असेसमेंट का कार्य करने में वे रुचि लें। स्कूल उन शिक्षकों से अलर्ट रहें जो कोचिंगों में पढ़ाते हैं। वे इसके प्रति उदासीन हो सकते हैं। आईआईटी कानपुर ने मंगलवार को ऑनलाइन समीक्षा बैठक की ताकि इसके बारे में छात्रों को जानकारी दी जा सके। इसमें मुख्य रूप से आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर एस गणेश, उच्च शिक्षा मंत्रालय के सचिव के. संजय मूर्ति, संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा मंत्रालय गोविंद जायसवाल, प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर, साथी प्रोजेक्ट प्रोफेसर अमय करकरे, सीबीएसई के निदेशक (परीक्षा) डॉ. बिश्वाजीत सिंह और केवी से डॉ. निधि समेत सभी बोर्डों व संस्थानों के अधिकारी इसमें शामिल हुए।

जेईई की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकेंगे

बैठक के दौरान उच्चाधिकारियों ने साथी ( Self Assessment Test and Help for Entrance Exams – SATHEE) का ऑनलाइन डिस्प्ले किया। बताया कि छात्रों को इसके लिए पंजीकरण कराना आसान है। इसमें विशेषज्ञों ने लेक्चर तैयार किए हैं। इसके अतिरिक्त प्रैक्टिस पेपर और असेसमेंट का तरीका भी बताया गया है। मात्र तीन माह में छात्र इसमें पारंगत हो सकते हैं। ऐसे छात्र जो कक्षा 11 व 12 में हैं, उन्हें परीक्षा के साथ जेईई की तैयारी का मौका मिल सकता है। साथी नीट की तैयारी भी कराएगा। इसे हिंदी, इंग्लिश, तेलगु, उड़िया आदि भाषाओं में लांच किया गया है।

– ऑनलाइन संगोष्ठी समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा सचिव ने दिए दिशा निर्देश, सीबीएसई को सौंपी जिम्मेदारी

– केवी, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई स्कूलों के कक्षा 11 व 12 के छात्रों को भी करना होगा उपयोग

जेईई एडवांस्ड : IIT में BTech की कई सीटें रह गईं खाली, 5 सालों में हुआ पहली बार

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लेक्चर नहीं बल्कि मॉक टेस्ट भी

सचिव ने कहा बच्चों को यह भी बताया जाए कि मॉक टेस्ट भी इसमें शामिल हैं। यह भी स्पष्ट किया कि कई राज्य अपने स्तर पर टेस्ट कराते हैं। ऐसे में यह लेक्चर उनके लिए भी उपयोगी हो सकते हैं।

कोचिंग बाज शिक्षकों से सतर्क रहें

सचिव ने सीबीएसई के निदेशक (परीक्षा) से कहा इस बात की भी स्कूलों में मॉनीटरिंग की जाती रहे कि कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक प्रति उदासीन न रहने पाएं। उन्होंने पूछा कि स्कूलों तक जानकारी कैसे भेजी जाएगी ताकि स्कूलों में ईको सिस्टम बना रहे।


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