CCSU : chaudhary charan singh university NEP back rules changed promotion in next class-Inspire To Hire


ऐप पर पढ़ें

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2456890113413633" crossorigin="anonymous">

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने संबद्ध कॉलेजों में स्नातक स्तर पर एनईपी कोर्स में छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में फेल होने पर ही तीसरे वर्ष में प्रवेश और दूसरे वर्ष के लिए पहले वर्ष के सभी क्रेडिट पास करने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। अब किसी भी सेमेस्टर में फेल होने पर छात्रों को अगली कक्षा में निरंतर प्रवेश मिलेगा। विवि ने एनईपी छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में बैक पेपर की सुविधा प्रदान कर दी है। विवि के इस फैसले से तीसरे वर्ष में प्रवेश लेने के बावजूद प्रथम या दूसरे वर्ष में फेल छात्रों के प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। विवि ने एनईपी बैक पेपर नियमों को परीक्षा समिति में पास कर दिया है। 

अभी यह था एनईपी में नियम

एनईपी के तहत बीए, बीकॉम, बीएससी कोर्स में छात्रों को प्रत्येक वर्ष में दो सेमेस्टर पढ़ने हैं। तीन वर्ष में कुल छह सेमेस्टर हैं। पहले सेमेस्टर में फेल होने पर छात्रों को दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश दे दिया जाता है, लेकिन तीसरे सेमेस्टर यानी दूसरे वर्ष में प्रवेश के लिए छात्र को प्रथम-द्वितीय सेमेस्टर यानी प्रथम वर्ष में कुल क्रेडिट के 50 फीसदी पास करने जरूरी हैं। दूसरे वर्ष के तीसरे सेमेस्टर में फेल होने पर चौथे सेमेस्टर में प्रवेश मिलेगा, लेकिन उसके प्रथम वर्ष के बचे हुए सभी सेमेस्टर पास करने अनिवार्य होंगे। छात्र को तीसरे वर्ष यानी पांचवें सेमेस्टर में प्रवेश प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के सभी सेमेस्टर को पास करने पर ही मिलेगा। ऐसा नहीं होने पर छात्र तीसरे वर्ष में प्रवेश नहीं पा सकेंगे। इस नियम से एनईपी में हजारों छात्र तीसरे वर्ष में प्रवेश से बाहर हो गए। ये सभी छात्र प्रथम या द्वितीय वर्ष के सभी सेमेस्टर पास नहीं कर सके थे। 

नए नियमों में अब यह होगा लागू

नए नियमों में 50 फीसदी क्रेडिट पास करने की बाध्यता के साथ तीसरे वर्ष में प्रवेश के लिए प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के सभी क्रेडिट पास करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। सहायक कुलसचिव परीक्षा सत्यप्रकाश के अनुसार अब छात्रों को किसी सेमेस्टर में फेल होने पर अगले सेमेस्टर में प्रवेश लेने पर रोक नहीं रहेगी। छात्र इस स्थिति में बैक पेपर के लिए अर्ह रहेंगे, लेकिन यह अधिकतम 18 क्रेडिट तक मान्य होंगे। 

नए नियमों में छात्र प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विभिन्न सेमेस्टर में बैक की स्थिति में तीसरे वर्ष में भी प्रवेश ले सकेगा। हालांकि छात्रों को सम सेमेस्टर का बैक सम और विषम सेमेस्टर के बैक विषम सेमेस्टर के साथ ही देने होंगे। यानी प्रथम सेमेस्टर का बैक तीसरे और दूसरे का चौथे के साथ। लेकिन किसी भी स्थिति में छात्र दो सेमेस्टर के बैक एकसाथ नहीं दे सकेंगे। 

इसके तहत प्रथम सेमेस्टर का बैक तीसरे सेमेस्टर के साथ दिया जा सकेगा, लेकिन सेमेस्टर बैक की स्थिति में तीसरे-पांचवां सेमेस्टर के पेपर एकसाथ नहीं दिए जा सकेंगे। सेमेस्टर बैक का मतलब है 18 से अधिक क्रेडिट में फेल। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2456890113413633" crossorigin="anonymous">


Leave a Comment