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NCERT यानी नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग की किताबों में जल्द ही ‘India’ की जगह ‘Bharat’ लिखा नजर आ सकता है। खबर है कि NCERT की तरफ से एक गठित समिति इसकी सिफारिश की है। साथ ही एंशिएंट हिस्ट्री (प्राचीन इतिहास) की जगह किताबों में क्लासिकल हिस्ट्री (शास्त्रीय इतिहास) को भी शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। समिति ने हिंदू योद्धाओं की वीरगाथाओं को भी किताब का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया है।
NCERT राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की तर्ज पर अपने पाठ्यक्रम में संशोधन कर रहा है। इसे तय करने के लिए 19 सदस्यीय नेशनल सिलेबस एंड टीचिंग लर्निंग मटेरियल कमेटी (NSTC) गठित की गई थी।
बुधवार को समिति के अध्यक्ष सीआई आइजैक ने कहा, ‘इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था। जबकि, भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 हजार साल पुराने हैं। ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए।’
उन्होंने बताया, ‘अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है। अब एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है। वो दिखाता है कि देश अंधेरे में था, जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं। सौर मंडल पर आर्यभट्ट के काम समेत ऐसे कई उदाहरण भी हैं। हमने सुझाव दिया है कि मध्यकाल और आधुनिक के साथ-साथ क्लासिकल हिस्ट्री को पढ़ाया जाना चाहिए।’
हिंदू इतिहास के बारे में पढ़ाने का सुझाव
समिति ने किताबों में ‘हिंदू योद्धाओं की जीत’ के बारे में भी पढ़ाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, किताबों में हमारी असफलताएं शामिल की गई हैं। लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी जीत के बारे में नहीं बताया गया। उदाहरण के लिए किताबों में बताया गया है कि मोहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण किया था।’
उन्होंने कहा, ‘जबकि, यह बहुत कम बताया गया है कि उसके भारत से जाने के पहले ही कोकारी जनजाति ने उसे मार दिया था।’ साथ ही समिति ने इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) को भी शामिल करने की सिफारिश की है।