MBBS Abroad : NEET UG Indian Medical students left Ukraine moved Russia Poland medical colleges-Inspire To Hire


यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले प्रयागराज के छात्र अब रूस और कजाकिस्तान का रुख कर रहे हैं। प्रयागराज के छात्र सालभर यू्क्रेन में मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलने का इंतजार करते रहे। रूस के पड़ोसी मुल्क की यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन पढ़ाने लगातार बंद होने के कारण छात्रों ने आगे की पढ़ाई के लिए अलग-अलग देशों की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना शुरू कर दिया है। ऐसे छात्र रूस, जार्जिया, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किरगिस्तान, पोलैंड आदि देशों में जाकर अपनी डिग्री पूरी करने में लगे हैं। पिछले साल मार्च में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद प्रयागराज के 60 छात्रों को विशेष विमान से स्वदेश लाया गया था। उसी समय यूक्रेन से लौटे मेडिकल के चौथे साल के छात्र ऋत्विक दिवाकर ने रूस की मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कई दिन-रात बंकर में गुजारने वाली अर्पिता कुशवाहा ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना की यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया है। अर्पिता सूमी के विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही थीं। कोटवा के सत्येंद्र यादव, झूंसी के वैभव त्रिपाठी ने भी उजबेकिस्तान में पांचवें साल की पढ़ाई शुरू की है।

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रूस और उजबेकिस्तान में एडमिशन लेने वाले छात्रों ने बताया कि यूक्रेन की यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी, लेकिन प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे थे। यूक्रेन में हालात बिगड़ने के बाद स्वदेश लौटे तो यहां के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में नए सिरे से दाखिले के लिए कहा जा रहा था। प्रैक्टिकल करने की अनुमति नहीं मिल रही थी। ऐसे में आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना पड़ रहा है। छात्रों के मुताबिक यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले और छात्र भी आसपास के देशों का रुख कर रहे हैं।

संस्कृति ने शुरू की फोरेंसिक की पढ़ाई

अल्लापुर की संस्कृति सिंह भी ईवान में मेडिकल प्रथम वर्ष की छात्रा थी। रूस के हमले के बाद संस्कृति भारत लौटीं और कई महीने घर में बैठने के बाद मेडिकल की पढ़ाई जारी रखने का सपना त्याग दिया। अब संस्कृति देश के एक निजी विश्वविद्यालय में फोरेंसिक साइंस की पढ़ाई कर रही हैं।

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पुराने मिडिएटर के जरिए लिया एडमिशन

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर दूसरे देश के विश्वविद्यालयों में प्रयागराज के छात्रों को एडमिशन दिलाने में पुराने मिडिएटर ने मदद की। छात्रों ने बताया कि यूक्रेन में भी मिडिएटर ने एडमिशन करवाया था। उन्हीं मिडिएटरों ने अन्य देशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला करवाया।

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सगे भाइयों ने जार्जिया को चुना विकल्प

आजमगढ़ के सोफीपुर निजामाबाद निवासी सगे भाई अमित यादव व अवनीश यादव यूक्रेन से लौटने के बाद वहां के बिगड़े हालात को देखते हुए जार्जिया के लिए ट्रांसफर करा लिए हैं। जबकि हरिऔध नगर लक्षीरामपुर निवासी विनीत विश्वकर्मा ने भी जार्जिया को ही अपना विकल्प चुना है। अंतिम वर्ष की छात्रा सिधारी की अनुष्का सिंह पोलैंड बॉर्डर पर रहकर पढ़ाई पूरी कर रही हैं।

बलिया जिला के नगरा निवासी मनीष जायसवाल को आज भी याद है कि किस प्रकार उनके साथ यहां के अन्य छात्र यूक्रेन से सुरक्षित घर लौटे थे। यूक्रेन से आने के बाद उन्होंने कजाकिस्तान से पढ़ाई पूरी की। अब वे दिल्ली में रहकर यहां के लिए निर्धारित परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। बलिया के ही रामनगर दोकटी के ऋषभ पांडे चूंकि अंतिम वर्ष में थे, लिहाजा यूक्रेन जाकर अपनी डिग्री ले आए और अब वे भारत में रजिस्ट्रेशन से पहले होने वाली परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं।

यूक्रेन से लौटे मिर्जापुर के राजगढ़ के अमन सिंह पोलैंड में तथा अहरौरा की सोनम सिंह अब किरगिस्तान में पढ़ रही हैं। जबकि चंदौली के डिग्घी निवासी अदनान उज्बेकिस्तान में तथा शाकिफ शाह कयूम अब जॉर्जिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है। चंदौली के ही मुस्तफापुर निवासी रामकिशुन यादव यूक्रेन से लौटने के बाद विकल्प की तलाश में हैं।

इसी प्रकार सोनभद्र जिले के ओबरा नगर के अक्षत गुप्त यूक्रेन से लौटने के बाद रूस के कदान शहर से एमबीबीएस कर रहे हैं।

जौनपुर के जलालपुर चौराहा निवासी सौरभ यादव ने काफी दिनों तक घर पर रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई की। हालांकि प्रेक्टिकल नहीं हो पाने से दिक्कत थी। लिहाजा उज्बेकिस्तान में प्रवेश करा लिया है। इसी प्रकार हरिहरपुर के अभिषेक यादव ने रूस में ट्रांसफर करा लिया है।

जौनपुर की सुष्मिता वापस लौटीं कीव

एक ओर तमाम छात्रों ने यूक्रेन से आने के बाद दूसरे देशों को विकल्प के तौर पर चुन लिया है, वहीं जौनपुर के सिरकोनी ब्लाक के कुद्दुपुर गांव की सुष्मिता सिंह छह माह पहले वापस यूक्रेन के कीव शहर पहुंच गई हैं। परिजनों के अनुसार वहां उसकी पढ़ाई चल रही है और कोई समस्या नहीं है।

जौनपुर के ही शाहगंज निवासी मो. सोमान यूक्रेन में सेकेंड ईयर का छात्र था। अब आगरा के एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

पढ़ाई छूटी तो यूपीएससी की तैयारी में जुटा

मऊ के मुंशीपुरा निवासी उस्मान अंसारी समेत दो छात्र यूक्रेन से एमबीबीएस का कोर्स पूरा कर चुके हैं। वे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली व प्रयागराज में कोचिंग कर रहे हैं। जबकि मधुबन के दुबारी निवासी आदित्य दूबे को पहले वर्ष की पढ़ाई के दौरान ही यूक्रेन छोड़ना पड़ा। अपने देश आने के बाद वह लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं।


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